मंगलवार, 24 अगस्त 2021

सूदखोर-मीडियसन सेंटर क्यों बना थाना...?

शहडोल में शंखनाद,
अनूपपुर सबसे बड़ी सूदखोरी कार्यवाही....

 





पर



 उमरिया मे 
सूदखोर-मीडियसन सेंटर
क्यों बना थाना...?

थाना-मिडिएशन से आदिवासी केवल जिंदगी तबाह...
 शहडोल जोन की पुलिस की उदाहरण दिए जानेवाली कहानियों के रूप में कहा जा सकता है की शहडोल पुलिस अधीक्षक अवधेश गोस्वामी ने ऑपरेशन शंखनाद के जरिए जो मार्गदर्शी सिद्धांत तय किए उस पर अनूपपुर मे पुलिस ने अब तक की सबसे बड़ी सूदखोरी की प्रमाणित कार्यवाही को अंजाम दिया है। जो यह भी तय करता है की संविधान की पांचवी अनुसूची मे शामिल शहडोल क्षेत्र की निरस्त हो चुकी सूदखोरी लाइसेंस के बाद भी प्रतिबंधित-सूदखोरी के हालात क्षेत्र मे सफल लूटपाट के कारोबार बना है... जिसे शहडोल के बाद अनूपपुर जिले पुलिस की कार्यवाही प्रमाणित भी करती है यह सफलता से चल रहा था। जिसमें सुनियोजित कार्यवाही से ही लोगों को न्याय मिल पाएगा।
 बावजूद इसके उमरिया जिले के नरोजाबाद थाने में सूत्र के रूप में ही सही गंभीर जानकारी होने के बाद थाना नरोजाबाद सूदखोर के लिए मेडिएशन सेंटर का काम करते हुए कॉलोनी के सेवानिवृत्त हो चुके कर्मचारी की जिंदगी भर की कमाई करीब 17 लाख  का खुला लूट आखिर क्यों हो जाने दिया....?
 

नरोजाबाद पुलिस का एक पक्ष यह भी है की पर्याप्त दस्तावेज नहीं मिले तो फिर यह नरोजाबाद पुलिस की असफलता ही है कि उसने कोई प्लानिंग नहीं की और सूदखोर हो राहत देने का काम किया....?
 यदि वह अनूपपुर जिले की तरह कार्यवाही करती तो अब तक आदिवासी केवल सिह को दर-दर भटक कर मर जाने के लिए छोड़ नहीं देती...? 

 तो पहले देखें सूदखोरी के विरूद्ध अनूपपुर पुलिस की आज तक की सबसे बड़ी कार्यवाही,आज दिनांक 24.08.2021 को पुलिस अधीक्षक द्वारा गठित 10 टीमें जिसमें निरीक्षक से आरक्षक स्तर के लगभग 200 अधिकारी/कर्मचारी सम्मिलित थे, के द्वारा कार्यवाही कर बड़ी मात्रा में नगद राषि लगभग 55 लाख रूपये, 160 चेकबुक, 710 नग ब्लैंक चेक, 225 पासबुक, 73 एटीएम कार्ड, 48 पेनकार्ड, 66 आधार कार्ड, 50 शपथ पत्र , 80 अंकसूची, 25 ़ऋणपुस्तिका, सैकड़ों कोरे हस्ताक्षरित दस्तावेज, कोरे नोटराईज्ड दस्तावेज एवं अन्य दस्तावेज जप्त किये एवं 08 आरोपियों को हिरासत में लिया गया । (1) मो. अफजल, (2) बृजकिषोर मिश्रा, (3) योगेन्द्र शर्मा, (4) ओमान साहू, (5) लतीफ (6) सुरेष गौतम (7) अजय सिंह (8) मनोज गुप्ता एवं दो आरोपी (1) रामचरण केवट एवं (2) वीरन राय फरार हैं, जिनकी गिरफ्तारी हेतु विषेष टीम गठित की गई है । (रिपोर्ट; इंडियान्यूज पर रिपोर्टर अजीत मिश्रा अनुपपूर)

 थाना नरोजाबाद बना सफेद हाथी का दिखाने का दांत
सवाल यह है कि जब आदिवासी की ओर से संभावित सभी दस्तावेज पुलिस के हर स्तर पर प्रस्तुत रहा है जिसमें सिद्ध है कि थाना नरोजाबाद में सूदखोर उमेश सिंह के लिए मेडिएशन का काम हुआ है ऐसे में जब तक जिला पुलिस की विशेष इकाई सक्रिय होकर जमीनी हालात को खंगालने का काम नहीं करेगी सूदखोर कैसे पकड़ा जाएगा....? जबकि पर्याप्त शिकायतें भी हुई हैं। फिर भी केवल सिंह अपनी मृत्यु की सीमा तक पुलिस और प्रशासन से यह आशा बनाए हुए हैं कि "भगवान के घर में देर है अंधेर नहीं...उसे न्याय जरूर मिलेगा... ।
देखना होगा उमरिया की पुलिस प्रमुख उसे क्या राहत दे पाते हैं तब जबकि शहडोल अनूपपुर की पुलिस ने अपने-अपने मील के पत्थर गढ़े हैं अथवा विशेषकर शोषित और प्रताड़ित आदिवासी केवल सिंह के लिए सूदखोरी मीडिया सेंटर बनकर पुलिसिया कार्यवाही केवल हाथी का सफेद हाथी का दिखाने का दांत बनकर रह जाएगा...?


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