मामला गोरतरा आश्रम का....
समाधि स्थल तक जाने के लिए सीढ़ियों का इस्तेमाल
करते हैं
आश्रम संचालक गुरुदीन
*कैमरे से नजर रखता है सादिक
तहसीलदार न्यायालय से एक्सीडेंटल अन्याय का शिकारी आश्रम संचालक गुरुदीन शर्मा को अपने संतों के समाधि स्थल तक जाने के लिए दीवाल में सीढ़ी लगाकर चढ़ना उतरना पड़ता है क्योंकि दीवार तहसीलदार सुहागपुर के आदेश से उच्च न्यायालय के आदेश खारिज हो जाने के धर्म के बाद रातो रात दीवार खड़ी करा दी गई थी। इस तरह कोई सादिक आश्रम की जमीन पर निगरानी रखते हुए अपने मित्रों के साथ हिंदू संत की जमीन पर कब्जा कर लिया है जो कथित तौर पर गुड्डू रस्तोगी की बेनामी आदिवासी के नाम पर आराजी के तौर पर बताई जाती है। आश्रम के संचालक
गुरुदीन शर्मा के अनुसार उनके ऊपर नाजायज दबाव बनाया जा रहा है। देखना होगा की आग लगाकर आत्महत्या से बाहर निकाल कर विभागीय अधिकारी दिलीप पांडे अब भूमि माफियाओं की चांडाल चौकड़ी से गुरुदीन शर्मा और उनके आश्रम में स्थित समाधि की रक्षा कैसे कर पाते हैं तब जबकि सत्ता के संरक्षण में गुड्डू रस्तोगी जैसे दबंग लोग किसी सादिक को गवाह बना कर आश्रम की जमीन को खुर्दबुर्द करने का प्रयास कर रहे हैं । उनकी ताकत का अंदाजा इस बात पर लगता है कि वह जैसा चाहें वैसा जमीनी तौर पर कर भी लेते हैं। बहरहाल यह देखने लायक बात भी होगी कि कब तक गुरुदीन अपने संतो की समाधि में आने जाने के लिए दीवाल और सीढ़ियों का इस्तेमाल करते रहेंगे.. क्या समाधि स्थल को चिन्हित कर सुरक्षित करने का काम हिंदू धार्मिक आस्थाओं के अनुरूप हिंदूवादी भारतीय जनता पार्टी के लोग कर सकेंगे अथवा भूमि में माफिया के इशारे पर मंदिर और आश्रमों की जमीनों पर अवैध निर्माणों को संरक्षण देते रहेंगे ....?
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