क्या बहुरेंगे आकाशवाणी के दिन...
कमिश्नर ने आकाशवाणी
शहडोल केंद्र का किया निरीक्षण
शहडोल 5 जून 2021 आदिवासी विशेष क्षेत्र शहडोल का आकाशवाणी केंद्र शहडोल के दिन बहुर सकते हैं, एक लंबे समय से शहडोल आकाशवाणी केंद्र को बंद करने के प्रयास किए जा रहे थे। इस दौरान अधिकारियों के आपसी विवाद ने आकाशवाणी केंद्र की दुर्गति को बढ़ा दिया आकाशवाणी इतने बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर को स्थानीय हितों में इस्तेमाल न किए जाने की खबरें यदा-कदा आती रही है। सांसद श्रीमती हिमाद्री सिंह के पिता स्वर्गीय दलवीर सिंह के प्रयासों से शहडोल में आकाशवाणी केंद्र आदिवासी क्षेत्र के लिए एक बड़ी उपलब्धि रही है किंतु जब से शहडोल नेतृत्व मे लगातार पतन की प्रक्रिया प्रारंभ हुई है तब से आकाशवाणी केंद्र की भी दुर्गति प्रारंभ हो गई थी। अब जबकि कला वह साहित्य जगत से अभिरुचि रखने वाले कमिश्नर शहडोल संभाग राजीव शर्मा ने गुरुवार को आकाशवाणी केंद्र शहडोल का निरीक्षण किया तब से जनाकांक्षा में गया था पुनः जागृत हुई है कि क्या शहडोल की पहचान आकाशवाणी शहडोल, को पुनर्जीवन मिलेगा...। निरीक्षण के दौरान कमिश्नर ने आकाशवाणी की लाइब्रेरी एवं प्रसारण कक्ष का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान कार्यक्रम अधिकारी आकाशवाणी शहडोल ने कमिश्नर को बताया कि अभी आकाशवाणी केंद्र शहडोल द्वारा 18 घंटे कार्यक्रमों का अनु प्रसारण किया जा रहा है। कार्यक्रम अधिकारी ने कमिश्नर को बताया कि आकाशवाणी शहडोल द्वारा किसानों के लिए उपयोगी कार्यक्रम तैयार किए जा रहे हैं तथा कृषि सामयकीय एवं किसानों की सफलता की कहानियों का प्रसारण किया जा रहा है। निरीक्षण के दौरान कमिश्नर ने कार्यक्रम अधिकारी को सुझाव दिया कि आकाशवाणी केंद्र द्वारा प्रसारित कार्यक्रम आकर्षक होना चाहिए तथा आकाशवाणी केंद्र के माध्यम से स्थानीय कलाकारों के कार्यक्रमों का प्रसारण भी होना चाहिए। हालांकि इसके पूर्व शहडोल सांसद श्रीमती हिमाद्री सिंह ने भी आकाशवाणी के संरक्षण का आश्वासन दिया था किंतु फिलहाल कुछ होता दिख नहीं रहा है। देखना होगा की आत्मनिर्भर भारत की रफ्तार में शहडोल आकाशवाणी को आत्मनिर्भर बनाने के लिए क्या प्रयास किए जाते हैं यदि ऐसा कुछ होता है तो हम फिर से सुन पाएंगे "यह आकाशवाणी शहडोल" है
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें