मरणोपरांत पदाधिकारी नवाजे जाने पर
चर्चा में बनी है कमल की भाजपा
शहडोल भाजपा के अध्यक्ष कमल प्रताप करीब 14 महीने की लंबी गहन चर्चा और विचार विमर्श पश्चात आनन-फानन में घोषणा की इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि 18 अप्रैल को जिस भाजपा नेता की शहडोल में ही मौत हो गई थी, उसे कार्यकारिणी सदस्य बनाया गया
शहडोल। शहडोल भाजपा में हलचल गर्म है बीते वर्ष 19 जून 2020 से लेकर अब तक जिले भर में कमल की नई टीम को लेकर लगातार सुगबुगाहट रही और उस टीम में जगह पाने के लिए कार्यकर्ता अपनी-अपनी जुगत भिड़ाते नजर आते रहे। लगभग 14 महीने बाद कमल प्रताप का कमल खिला । 19 जून को जब अपनी टीम की घोषणा की तो यह अनुमान लगाया जा रहा था कि इतना समय लेने के कारण कम से कम बड़ी सूझबूझ और विचार विमर्श करने के बाद ही कमल प्रताप सिंह ने अपनी टीम बनाई होगी। कार्यसमिति सदस्यों के अलावा जिला इकाई में 29 पदाधिकारियों को शामिल किया गया, इस नई टीम में जिन जिला कार्य समिति का सदस्य बनाया गया है,उस सूची में 34 में स्थान पर बिंदेश्वरी सिंह चतुर्वेदी को जिला कार्य समिति का सदस्य बनाया गया है, सूची बनाने से पहले या तो कमल प्रताप और उनके खास सलाहकारों ने इस सूची के संदर्भ में कोई जानकारी एकत्र नहीं की, या फिर अपनों को पद देने के बाद जिन भी नामों के बारे में उन्हें जानकारी थी उन्हें भरकर सूची जारी कर दी गई। बिंदेश्वरी सिंह चतुर्वेदी बीती 18 अप्रैल को कोरोना संक्रमण के कारण काल-कवलित हो चुके हैं, मेडिकल कॉलेज शहडोल में ही 18 अप्रैल की शाम कोरोना संक्रमण से उनकी मौत हुई थी और इसी दिन शहडोल में ही उनका अंतिम संस्कार किया गया था। स्रोत (सतीश तिवारी, हल-चल)
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