सामाजिक सुरक्षा चक्र का बड़ा नवाचार
पुलिस समाज को समर्पित पुलिस पोस्ट कोविड केयर सेंटर का पुलिस अस्पताल भवन मे शुभारंभ
शहीद प्रदीप द्विवेदी स्मृति पोस्ट कोविड केयर सेन्टर व 20 आक्सीजन बेड अस्पताल का शुभारंभ जी. जनार्दन, भापुसे, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक शहडोल झोन, शहडोल द्वारा 27.05.2021 को पुलिस रक्षित केन्द्र शहडोल में 20 आक्सीजन बेड के अस्पताल व पोस्ट कोविड केयर सेन्टर के कार्यक्रम मे
कलेक्टर पुलिस अधीक्षक जिला शहडोल के उपस्थित मे शुरुआत हुई। कार्यक्रम में पुलिस लाईन शहडोल में निवासरत पोस्ट कोविड के लगभग 50 अधिकारी/कर्मचारी उपस्थित थे। जिनका विभीन्न विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा परीक्षण किया गया ।
जारी प्रेस विज्ञप्ति मे पुलिस अधीक्षक बताया गया कि, संक्रमित पुलिस कर्मियों को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराये जाने की दृष्टि से रक्षित केन्द्र में 24 घण्टे ऑक्सीजन
सुविधायुक्त 20 बेड अस्पताल व कोविड केयर सेन्टर प्रांरभ किया गया है। इस कोविड केयर सेन्टर को पूर्णतः उपकरणों से सुसज्जित किया गया है जिसमें प्रत्येक बेड पर ऑक्सीजन सुविधा, ऑक्सीमीटर, थर्मामीटर, वेपोराईजर एवं योगामेट उपलब्ध कराई गई है। इस कोविड केयर सेन्टर में 10 ऑक्सीजन कन्सेन्ट्रेटर उपलब्ध होने के साथ-साथ 17 जंबो ऑक्सीजन सिलेण्डर का पृथक ऑक्सीजन सप्लायकक्ष तैयार किया गया है।
इस कोविड केयर सेन्टर व 20 आक्सीजन बेडेड अस्पताल में मरीजो की नियमित जांच के लिए एक एम.डी. मेडीसिन, नेत्र रोग विशेषज्ञ, दांत रोग विशेषज्ञ, योगा टीचर के साथ-साथ आयुष विभाग के अन्य डॉक्टर्स के बैठने एवं मरीजो को देखने की पूर्ण व्यवस्था की गई है।
इस कोविड केयर सेन्टर में पूर्ण प्रशिक्षित नर्सिग स्टॉफ को पदस्थ किया गया है अन्य पुलिस कर्मियों को भी इस बारे में प्रशिक्षित कर रहा है। मरीजो को दवाईयां वितरण सेन्टर से निःशुल्क उपलब्ध कराई जा रही है साथ ही समस्त प्रकार की पैथालाजी जांचे एवं सी.टी. स्कैन की सुविधा भी निःशुल्क उपलब्ध कराई जा रही है। पुलिस कप्तान आदेश गोस्वामी का यह कार्य नवाचार इसलिए सराहनीय और अनुकरणीय है कि बाकी समाज, जो पुलिस समाज से हटकर अलग-अलग लोकतांत्रिक समाज हैं अथवा जातिगत समाज है। क्या उन्होंने पोस्ट कोविड-19 केयर सेंटर अपने समाज के लोगों के लिए सामाजिक सुरक्षा हेतु बनाया है....? शायद नहीं।
इसलिए भी तारीफ ए काबिल है क्योंकि पुलिस अमला यह कर सकता है क्योंकि उसे समाज के सुरक्षाा की चिंता जब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह शहडोल आए थे तो उन्होंनेेे पत्रकार समाज को मुख्यमंत्री जी से इसलिए नहीं मिलने दिया क्योंकि उन्हें अपने कर्तव्य बोध का ज्ञान था। तो पत्रकार समाज को भी पुलिस समाज से यह सीखना चाहिए कि क्या पत्रकार संघ का भवन का जो भूत-बंगला बना पड़ा हुआ है उसका क्या हम कुछ उपयोग कर सकते हैं ...? क्यों की इस महामारी से अगर हम अपने समाज की सुरक्षाा चक्र का गठन नहीं कर सकते तो इस पोस्ट कोबीट केयर सेंटर से हम कुछ नहीं सीख पाए यह समझना होगा। क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने नरेंद्र मोदी जी ने भी बुध पूर्णिमा को कहा था अब बदली हुई धरती मिलेगी। तू बदली हुई धरती में पत्रकार समाज नहीं नहीं अन्य समाज भी क्या अपनी सुरक्षा चक्र के लिए कुछ करते नजर आएंगे कोई प्रेरणा लेंगे अथवा नहीं देखने को मिलेगा।
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