कहानी सच्ची है
बुजुर्ग ने अपने सकारात्मक ऊर्जा से कोरोना महामारी को दी मात
कोरोना मरीजों के लिए रोल
मॉडल बने बुजुर्ग दुर्गाप्रसाद त्रिवेदी
29 अप्रैल 21- शहडोल निवासी बुजुर्ग दुर्गा प्रसाद त्रिवेदी जिनकी उम्र लगभग 81 वर्ष है, वे कोरोना पीड़ित हो गए थे और उन्हें मेडिकल कॉलेज के कोविड-19 भर्ती किया गया था। बुजुर्ग दुर्गा प्रसाद त्रिवेदी सकारात्मक ऊर्जा के अनुकरणीय उदाहरण बन गए। उन्होंने अपनी सकारात्मक सोच एवं सकारात्मक उर्जा के कारण कोरोना जैसी वैश्विक महामारी को मात देकर अब वे पूर्णतः स्वस्थ हैं।
श्री त्रिवेदी का कहना है की यदि व्यक्ति में सकारात्मक सोच, सकारात्मक ऊर्जा, के साथ-साथ दृढ़ इच्छाशक्ति हो तो वे कोरोना बीमारी को भी हरा कर अपनी जिंदगी का विजय का परचम लहरा सकता है। श्री त्रिवेदी कोरोना पीड़ित मरीजों के लिए रोल मॉडल साबित हो रहे हैं। उनका कहना है कि जिला प्रशासन एवं मेडिकल कॉलेज शहडोल के चिकित्सक एवं नर्सिंग स्टाफ के अभूतपूर्व चिकित्सकीय सेवा भाव से वे स्वस्थ हुए हैं।
उन्होंने सभी नागरिकों को से अपील की है की कोरोना संक्रमण से बचने के लिए शासन के दिशा निर्देशों का पालन करें। मास्क का उपयोग करें, सोशल डिस्टेंसिंग पालन करें तथा साबुन या सैनिटाइजर से बार-बार हाथ धोए, अनावश्यक घर से बाहर ना निकले तथा भीड़-भाड़ वाले स्थानों में जाने से बचें, तभी हम सब मिलकर कोरोना महामारी को हरा सकते हैं।
बुजुर्ग डी पी त्रिवेदी ने कहा कि हर व्यक्ति के पास सकारात्मक सोच एवं सकारात्मक ऊर्जा का भंडार रहता है। आवश्यकता इस बात की है उसे सही रूप इस्तेमाल किया जाए। यदि मन में दृढ़ विश्वास हो तो सामान्य कोरोना के मरीज होम आइसोलेशन में रहकर भी शासन द्वारा उपलब्ध कराई गई मेडिकल किट, रोग प्रतिरोधक काढा का उपयोग कर तथा रोग प्रतिरोधक क्षमता वाली दवाओं का प्रयोग कर अपने को सुरक्षित कर सकता है। उन्होंने कहा है कि टीकाकरण भी अवश्य कराएं, क्योंकि टीकाकरण ही वह माध्यम है जो आपके सकारात्मक ऊर्जा एवं सकारात्मक सोच को मजबूत करेगा और आप कोरोना जैसी महामारी को भी हरा सकते हैं।
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