बिके-थाने की दर्दनाक कहानी- पार्ट 2
पाठक-पुत्र के मौत पर उठे सवाल..?
(त्रिलोकीनाथ)
शहडोल। हालांकि जिले ही नहीं संभाग के पूरे पुलिस थाने अपने अपने अंदाज में अपराधियों और अपराध को यदा-कदा संरक्षण देते रहते हैं किंतु जिस स्तर पर थाना ब्योहारी मे किसी हत्या के प्रकरण ब्योहारी थाने में दबाये जाने
के मामले उभर कर आ रहे हैं यह पुलिस कप्तान के लिए बड़ी चिंता का विषय हो सकता है। कि क्या पुलिस के थाने हत्या के मामलों को रफा-दफा करने के अड्डे बन गए हैं...?
हफ्ते के अंदर ही एक और हत्या मामला उसी व्योहारी थाने का पुलिस कप्तान के सामने जा पहुंचा है जिसमें ब्यौहारी थाना के अंतर्गत ग्राम टिहकी के हार्ट अटैक के मरीज 65 वर्षीय रामनिरंजन पाठक में पुलिस कप्तान से मिलकर अपनी व्यथा बताया कि उसके इकलौते पुत्र 26 वर्षीय किशन की 13 फरवरी को ब्यौहारी ले जाकर हत्या कर दी गई और दुर्घटना का मामला बताकर मामले को रफा-दफा किया जा रहा है घटना का विवरण देते हुए रामनिरंजन पाठक ने बताया की दिनांक 13 फरवरी को शाम के करीब 7:00 बजे मेरे गांव से 15 किलोमीटर दूर के निवासी दिलीप द्विवेदी पिता राम लखन द्विवेदी आए और मेरे 26 वर्ष लड़के किसन उर्फ राजेश्वरी को यह कहकर ब्यौहारी ले गए कि चलो घूम कर आते हैं और फिर रात्रि में नहीं लौटे सुबह के वक्त एक एंबुलेंस मे दिलीप, किशन को लगभग मृत अवस्था में लाया और बोला कि एक्सीडेंट हो गया है इसलिए शहडोल ले जाना है जब हम सब शहडोल जा रहे थे तो उसने एंबुलेंस को शहडोल की बजाए ब्यौहारी हॉस्पिटल ले गया जहां कथित तौर पर उसे मृत बता दिया गया। जबकि सिविल अस्पताल व्योहारी के पर्ची से ज्ञात होता है की 2:52 में वह हॉस्पिटल में था और उसे शहडोल हॉस्पिटल के लिए रिफर कर दिया गया था,जो शंका का कारण बनता है। जबकि किशन के उस वक्त उसके ना तो कपड़े फटे थे और ना ही कोई ऐसी परिस्थिति जिससे कश्मीर की दुर्घटना बताई जा सके। पिता ने थाना ब्यौहारी पर आरोप लगाते हुए कहा अपने तमाम शंकाओं के आधार पर मैंने संदर्भित पत्र मैं थाना को शिकायत भी किया था और तमाम फोटोग्राफ्स भी दिखाए थे जिससे स्पष्ट प्रतीत होता है कि मेरे लड़के के साथ मारपीट की गई थी इसके बावजूद थाना से हमें कोई पारदर्शी जांच होती दिखाई नहीं देती है । उन्होंने बताया मेरे लड़के का दिलीप से विवाद था और उसे षडयंत्र पूर्वक ले जाकर मारपीट करके उसकी हत्या कर दी गई है तथा दिखाने के लिए गाड़ी के शीशे तोड़ दिए गए और इस प्रकार थाना वालों से मिलकर मामले को रफा-दफा करने का काम किया जा रहा है। मैं बीमार व्यक्ति इस अवस्था में कहीं आ जा नहीं सकता और मेरे ऊपर बज्र टूट गया है ।
इस तरह जिला पुलिस कप्तान अवधेश गोस्वामी के समक्ष बुजुर्ग मरी ने अपने मार्मिक दास्तान मैं पुत्र की हत्या का आशंका व्यक्त किया ज्ञातव्य है की हाल में ही उस वक्त देर रात पुलिस कप्तान अवधेश गोस्वामी के सामने अलग-अलग गांव में
दो चतुर्वेदी परिवार एक में प्राणघातक हमले मैं 17 टांके लगे होने के बाद भी एमएलसी न कराए जाने तो दूसरे में हत्या की आशंका पर पुलिस कार्यवाही नहीं होने पर शिकायत की गई थी तीसरे मामले में एक गर्भवती महिला को स्थगन आदेश मिलने के बाद भी पुलिस पालन नहीं करने की शिकायत की गई थी देखना होगा जिस प्रकार पुलिस थाना ब्यौहारी में आपराधिक प्रकरणों को दवा दिया जाता है क्या अन्य थानों में लंबित हत्या
अथवा महिला विशेष गुमशुदा मामलों पर जिला पुलिस कप्तान गंभीरता से कोई कार्यवाही कर भी पाते हैं यह बात तब और गंभीर हो जाती है जब जिले के प्रभारी मंत्री सुश्री मीना सिंह के भाई को कथित तौर पर बलात्कार के प्रकरण में अंततः गिरफ्तार करना पड़ता है क्या इस वातावरण में शहडोल संभाग का पुलिस प्रशासन निष्पक्ष और तत्काल कार्यवाही की दक्षता दिखा पाने में स्वयं को सक्षम पाता है....?
यह देखने योग्य बात होगी बहरहाल इकलौते की हत्या से प्रताड़ित पाठक परिवार को पुलिस
कितना राहत देती है यह भी देखना होगा क्योंकि जब तक ब्योहारी थाने के प्रभारी थानेदार और उसके चंगू-मंगू वहां पदस्थ हैं, निष्पक्ष न्याय की आशा घास के ढेर में सुई ढूंढने के समान होगा।
तो देखना होगा कि पुलिस कप्तान सुई ढूंढ पाते हैं....?
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें