सांझी विरासत का सपना लिए
"सांझी-रसोई" ने तय किया की एक साल की उड़ान
शहडोल आदिवासी क्षेत्र में संभाग बनने के बाद यदि संभाग स्टेटस का कोई नागरिक सहभागिता का कार्य सोशल कमिटमेंट के साथ हुआ तो उसमें सर्वोच्च नाम "सांझी रसोई" का ही है।
जो संभाग के विकास में युवाओं की नैतिक उत्थान का प्रमाण पत्र है और इन सबके बावजूद सबसे बड़ी बात यह है। यह प्रमाण पत्र की चाहत भी उन युवाओं को नहीं है जो इस कार्य को करने में न सिर्फ आनंद पाते हैं बल्कि आनंद का विस्तार भी करते हैं।
आज 1 वर्ष हो गए इस अवसर पर उन्होंने जो कार्य किए उसे बताने की जिम्मेदारी भी उन्हीं की है ।जो पूरे समर्पण भाव से उन्होंने किया विजयआश्रम की भी सद्भावना है ।ऐसे नागरिक दायित्व की भावना युवाओं में हमेशा बनी रहे ताकि प्रेरणा पाकर युवा भारतीय नागरिक बोध का उदाहरण बन सके निश्चित तौर पर जन सहभागिता का ट्रस्ट अगर किसी ने जीता है तो सांझी रसोई उसका बड़ा उदाहरण है क्योंकि लोग करना तो चाहते हैं। किंतु उन्हें बेहतरीन ट्रस्टी नहीं मिलते थे, उसकी कमी इन युवाओं ने खत्म कर दी है।
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