रविवार, 6 दिसंबर 2020

एसी की प्राचार्य पर कार्रवाई. उड़ती चिड़िया पर लगाया हल्दी....

 ए सी ने प्राचार्य पर की कार्रवाई..

सहायक आयुक्त आदिवासी ने


उड़ती चिड़िया पर लगाया हल्दी....


 भारत की राजनीति में लालू यादव का यह तकिया कलाम शहडोल में क्रियान्वित होता तब दिखा जब शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय बुढार के प्राचार्य हरीकृष्ण ताम्रकार को नोटिस मिला जिस का आशय था सहायक आयुक्त आदिवासी विभाग राजेंद्र श्रोती ने अपने संज्ञान से यह कहा कि जब वे बुड़ार शहडोल के बीच में उड़ रहे थे तब उन पर हल्दी लगा दी जा रही है...।
 दरअसल नोटिस की भाषा ही सहायक आयुक्त आदिवासी विभाग की कर्तव्य निष्ठा के प्रति सतत संघर्ष की सतर्कता को प्रतिबद्ध होता दिखता है, कि कैसे वह राह चलते भी कर्तव्यनिष्ठा के प्रति लापरवाह उत्कृष्ट विद्यालय के प्राचार्य की उत्कृष्टता को संज्ञान में लेते हैं।
 बहरहाल इस उड़ती चिड़िया को श्रोती  ने हल्दी लगा दिया है। 



  कुछ इसी अंदाज में सहायक आयुक्त  का हरीकृष्ण को प्रेषित नोटिस  कहता है  और यह अपने आप में पर्याप्त है कि बेहद सतर्क और जागरूक सहायक आयुक्त की नजर से छोटा से छोटा मच्छर भी उनकी लंका में प्रवेश नहीं कर सकता। अब यह वरदान उन्हें ब्रह्मा जी ने दिया है तो वह उनका उपयोग भी करते हैं। फिर भी इसी बुढार क्षेत्र की कई कर्मचारी शहडोल मुख्यालय बनाकर मनमानी भ्रष्टाचार का पहाड़ खड़ा करे बैठे हैं। यह वही बुढार क्षेत्र है जहां आदिवासी हॉस्टल में अधीक्षक लोग खुलेआम मुर्गादारु खाते पीते हैं और सहायक आयुक्त कुछ नहीं कर पाते ।यानी, कुछ कर भी जाते हैं किंतु कुछ नहीं होता। 
कई ऐसे भ्रष्टाचार की फाइलें हैं उनके कार्यालय में दम तोड़ रही हैं या ठंडे बस्ते की बंडल में बंधी हैं। सहायक आयुक्त कार्यालय में भ्रष्टाचार के मठाधीश  जो बैठे हैं  उन्हें हिला पाने में  ब्रह्मा जी का वर यानी उनके अधिकार उनके काम नहीं आते ..?
जो जिले में भ्रष्टाचार का बड़ा उदाहरण है आश्चर्य तब होता है जब सहायक आयुक्त इन "उड़ती-चिड़िया" में हल्दी लगाना तो दूर उन्हें पिजड़े में पालने पर विश्वास करने लगते हैं। शायद इसीलिए सहायक आयुक्त कार्यालय ऐसे भ्रष्ट लोगों के लिए वरदान बना हुआ है। देखना होगा कि ब्रह्मा के दीए वर का सहायक आयुक्त अपनी लंका बचाने के लिए कितना उपयोग करते हैं...?



कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

"गर्व से कहो हम भ्रष्टाचारी हैं- 3 " केन्या में अदाणी के 6000 करोड़ रुपए के अनुबंध रद्द, भारत में अंबानी, 15 साल से कहते हैं कौन सा अनुबंध...? ( त्रिलोकीनाथ )

    मैंने अदाणी को पहली बार गंभीरता से देखा था जब हमारे प्रधानमंत्री नारेंद्र मोदी बड़े याराना अंदाज में एक व्यक्ति के साथ कथित तौर पर उसके ...