सच्ची सन्यासिनी ने भगवाधारी
मुख्यमंत्री को दिया कड़ा नसीहत
सनातन धर्म का करें पालन ..
(त्रिलोकीनाथ)
अति अमानवीय प्रशासक योगी शासन के रूप में अंततः लोकतंत्र के दबाव के कारण फैसला लिया। हालांकि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने हाथरस के दुर्दांत कांड पर सीबीआई जांच के आदेश कर दिए हैं बावजूद उनकी सत्ता ने जो नंगा नाच किया है वह अक्षम्य है अब तक उन्हें जरा भी शर्म बची हो तो इस्तीफा दे देना चाहिए था किंतु शायद शर्म को बेच कर ही वह बेपर्दा होकर नंगा नाच करते रहे। क्योंकि उन्होंने तो पत्रकारिता और न्यायपालिका दोनों को अपनी ताकत से 3 दिन तक लगभग अपहरण करके स्वयं को सिद्धि कर दिया था।
बहरहाल उत्तर प्रदेश से सांसद उमा भारती का मार्मिक पत्र बताता है कि साधु संत भी अच्छे प्रशासक हो सकते हैं ,सिर्फ सनकी, लोकतांत्रिक संस्थाओं की हत्या करने वाले नहीं। जैसा कि योगी ने कर दिखाया। शुक्र है सनकी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समय पर बुद्धि आ गई। अन्यथा उत्तरप्रदेश में लोकतंत्र की बची-कुची चिताओं को जलाने में वे जरा भी परहेज नहीं करते ।
जिस तरह से लोकतांत्रिक संस्थाएं चाहे न्यायपालिका के प्रतिनिधि अधिवक्ता हो अथवा चौथा स्तंभ का तथाकथित चेहरा इलेक्ट्रॉनिक मीडिया या पत्रकारिता हो उन्होंने इन संस्थाओं को न सिर्फ अपनी प्रशासनिक गुंडागर्दी से बल्कि फासीवादी ,नाथूराम गोडसे के सोच के आधार पर बेहद बेरहमी से संवेदनहीनता का परिचय देते हुए हाथरस की घटना में प्रचारतंत्र के माध्यम से भी खुला नंगा नाच किया था ।शायद आदित्यनाथ जैसे साधु संत का नकाब पहने लोग और उनकी विचारधारा देश के करोड़ों नागरिकों को माइंड सेट होने का संदेश दे रहे थे की रामराज्य का कल्पना इसी संदेश पर अवधारणा पर काम करेगा ।
बहरहाल जिस प्रकार से उमा भारती ने अपने राजनीतिक संघर्ष के अनुभव के बाद ऋषिकेश के एम्स हॉस्पिटल से संदेश देने का काम किया है वह सनातन धर्म परंपरा का वास्तविक परिचय देता है। हो सकता है नमामि गंगे योजना में उमाभारती असफल रही हूं किंतु अस्पताल में बैठकर दर्द के रिश्ते की भारतीयों के साथ जो उन्होंने गंगा बहाने का प्रयास किया वह प्रत्येक कट्टर होते और तानाशाह बनते नेताओं के लिए मार्गदर्शी सिद्धांत होना चाहिए।
तो उन्होंने क्या कहा आइए हम बताते हैं दुखद है कि उमा भारती मध्य प्रदेश की मुख्यमंत्री के रूप में काम करने का उन्हें अवसर नहीं दिया गया तो देखें क्या कहते दिखे उमा भारती।
मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और झांसी से भाजपा की पूर्व सांसद उमा भारती ने ट्वीट कर हाथरस के घटनाक्रम पर दुख और चिंता व्यक्त की है। साथ ही हाथरस मामले में पुलिस की कार्रवाई को संदेहपूर्ण बताते हुए लिखा है कि इससे सरकार और भाजपा की छवि पर आंच आई है। उन्होंने कहा कि कोरोना पॉजिटिव न होती तो उस गांव में वह उस परिवार के साथ बैठी होती। उन्होंने खुद को बड़ी बहन बताते हुए मुख्यमंत्री से मीडिया कर्मियों और अन्य दलों के लोगों को उस गांव में जाने देने और पीड़ित परिवार से मुलाकात करने देने का अनुरोध किया है।
पुलिस की संदेहपूर्ण कार्रवाई
पूर्व मुख्यमंत्री ने लिखा है, ‘हमने अभी राम मंदिर का शिलान्यास किया है तथा आगे देश में रामराज्य लाने का दावा किया है किंतु इस घटना पर पुलिस की संदेहपूर्ण कार्रवाई से आपकी उत्तर प्रदेश सरकार तथा भाजपा की छवि पे आंच आई है। आप एक साफ. सुथरी छवि के शासक हैं। मेरा आपसे अनुरोध है कि मीडिया कर्मियों एवं अन्य राजनीतिक दलों के लोगों को पीड़ित परिवार से मिलने दीजिए।’ अंत में लिखा है, ‘आपसे वरिष्ठ और आपकी बड़ी बहन हूं। मेरा आग्रह है कि मेरे सुझाव को अमान्य मत करिएगा।’
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