उलाहना....
बिना इवेंट के दुनिया का दूसरा बड़ा संक्रमित राष्ट्र बना भारत
मार्च में कोरोना हवाई जहाज से आयात करके लाए गए थे
(त्रिलोकीनाथ)
दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा जनसंख्या वाला राष्ट्र भारत अपने समकक्ष दर्जा को प्राप्त कर लिया है अब वह दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा कोरोना संक्रमित राष्ट्र बन गया है उसने ब्राजील को अपने पीछे छोड़ दिया है वर्ल्डोमीटर को माने तो अब सिर्फ संक्रमित राष्ट्र की रफ्तार में भारत का मुकाबला दुनिया के शक्तिशाली अमेरिका के साथ है इसके पहले की यह दूसरे बड़े राष्ट्र का दर्जा पाता भारत के वित्त मंत्री ने कोरोना का दैवी आपदा का सम्मान दे दिया था 5 अगस्त को हिंदुत्व के रामलला के लिए याने कण-कण में समाए जाने वाले राम के लिए कोरोना कार्यकाल में एक बड़ी इवेंट के साथ भवन का निर्माण की पूजा हुई थी तब शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने तिथि को अशुभ बताया था अब एक माह बाद भारत संक्रमित राष्ट्र का दूसरा दर्जा हासिल कर लिया है यह कोरोनाराम के तीव्र विस्तार का एक नजरिया भी कहां जा सकता है क्योंकि राम हर जगह हैं तो आइए देखते हैं किस प्रकार की छवि के साथ भारत दिख रहा है
यह अभी की चर्चा है कि इससे दुनिया में भारत ने क्या हैसियत स्थापित की है। फिलहाल देखिए कि किस प्रकार दुनिया का सबसे बड़ी जनसंख्या वाला चीन संक्रमित राष्ट्र की दुनिया में अपने मानव निर्मित कोविड-19 के अपार सफलता के साथ 38 वें नंबर पर स्थापित है
तो देखना यह भी चाहिए कि भारत की करीब 138 करोड़ की आबादी में कितने लोगों का कोरोनावायरस हुआ था जिसके आधार पर भारत दुनिया का दूसरा बड़ा राष्ट्र बना।
तो सच्चाई यह है की सिर्फ 5 करोड़ के करीब लोगों के टेस्ट हुए हैं जब 133 करोड लोगों का टेस्ट के आधार पर संक्रमण का अनुमान लगाया जाएगा तो हम संक्रमित राष्ट्र की सूची में दूसरे बड़े राष्ट्र नहीं रह जाएंगे..... हम कम से कम इस मामले में विश्व गुरु कहलाएंगे..... या नहीं हम संक्रमित राष्ट्रीय की सूची में सबसे टॉप में होंगे....
तो यह है विकास की रफ्तार कोरोना का क्या रोना या फिर कोरोनाराम की दैवीय आपदा जैसा कि वित्त मंत्री सीतारमण ने सत्ता-रमण के आनंद में भावविभोर होकर भावना को प्रकट किया था ।बावजूद इसके मोदी सरकार के एक भी मंत्री का नैतिक दायित्व के नाते इस्तीफा की बाात भी विचार में नहीं लाई गई। क्योंकि कोरोना राम अपने लक्ष्य को प्राप्त कर रहे थे, शायद यही एक कारण रहा होगा .....?
छोड़ें.., यह बड़े लोगों की बड़ी बातें हैं...
हमें भारत के अंदर क्या हालात हैं इस पर मनोरंजन करना चाहिए। क्योंकि दुनिया में चीन-भारत का तलाव मनोरंजन का साधन है।
तो भारत के अंदर चुनाव होने हैं बिहार की अस्मिता सुशांतराजपूत की रिया चक्रवर्ती का ड्रग कनेक्शन माया लोक में चक्रवर्ती सम्राट के रूप में स्थापित हो चुका है। अब किसी पार्टी से सांसद नहीं बन पाएंगी। मायालोक में नया अवतार कंगना राणावत का है। वे शिवाजी महाराज के मराठी मानुषओं को चुनौती दे रही हैं, कि "...किसी के बाप का नहीं है महाराष्ट्र..." याने अब राजनीति की दुनिया में सांसद बनने के अवसर एक नए नायिका को मिल सकता है....
ऐसे में भारत संक्रमण के मामले में दूसरा बने या पहला वह बहुत गंभीरता का विषय भारतीय मीडिया के लिए नहीं रह गया है..
मीडिया का मसाला अब पागल एंकर के कारण ड्रग्स एडिट जैसा दिखने लगा है... ड्रैकुला का खतरनाक चरित्र भारत की मीडिया में साकार नजर आता है..
तो पहले देखते हैं भारत में क्या हाल हैं.....
करोड़ों की आबादी में सिर्फ 70 हजार से ज्यादा कोरोनाराम को बलिदान हुए हैं याने मृत्यु हुए हैं। रिकॉर्ड रिकवर्ड व्यक्तियों की संख्या करीब 32 लाख है और सिर्फ नौ लाख के करीब संक्रमित व्यक्ति बचे हैं। कुल मिलाकर 41 लाख से ज्यादा व्यक्ति मात्र संक्रमण के शिकार हुए। यह हमारा हिंदुत्व के लिए पॉजिटिव नजरिया है ।और आत्मनिर्भर भारत की पहचान भी अगर 133 करोड़ लोगों की अनुमान में देखें तो..।
बहरहाल विंध्य क्षेत्र में हालात इस प्रकार हैं
इसके बावजूद भी सर्वोच्च प्राथमिकता चुनाव जीतने की है। तो लॉकडाउन में दिखाने के लिए बड़ी गैदरिंग में भीड़ की सीमा 100 तय कर दी गई है चुनाव बाद नए लॉकडाउन देखे सकते है, तब तक कोरोनाराम के शायद विश्व गुरु बन चुके होंगे...।
तब तक शायद चीन का युद्ध विश्व गुरु के इवेंट के रूप में मनोरंजन का नया साधन होगा। क्योंकि माइनस 23 दशमलव 9 की ठंडी जीडीपी में गर्माहट लाना बहुत जरूरी है और वह गर्माहट सिर्फ और सिर्फ ठंडे क्षेत्र में जवानों के जरिए लाई जा सकती है।
यही है इंडिया और नया इंडिया...
हे कोरोनाराम, तुझे सत सत प्रणाम...
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