शुक्रवार, 25 सितंबर 2020

माफिया इसी का नाम है... (त्रिलोकीनाथ)

 माफिया इसी का नाम है...


(त्रिलोकीनाथ)

 कभी लेडी सिंघम के रूप में चर्चित, शहडोल जिले की एक महिला रेंजर इन दिनों रेत माफिया से चर्चा के लिए चर्चित है.. चर्चा तो यह भी है जंगली लोगों ने जंगल के दामन में दाग लगने के डर से माफिया वायरस को बांधवगढ़ में अटैच कर दिया। सवाल यह माफिया वायरस कहीं टाइगर वर्ल्ड लाइफ में फैल ना जाए।

 अगर वायरस ने अपना असर दिखाया तो दुनिया में बांधवगढ़ "टाइगर की खाल" के लिए प्रसिद्ध हो जाएगा।  वैसे भी वह प्रसिद्ध तो रहा ही...

 बेहतर होता इस माफिया वायरस को भोपाल के जंगल में छोड़ दिया जाता जहां यह परजीवी के रूप में किसी नेता की शक्ल में किसी पार्टी की नेत्री  वन चमचमाती रहती है। वैसे भी सत्ता की राजनीति जिसके पास पैसा है सफल नेता बन सकता है।

 यह बात समझ से बाहर है कि इस खतरनाक वायरस को बांधवगढ़ जैसे स्वस्थ परिवेश में क्यों करके प्रदूषण के लिए  फेक दिया गया...?

 वैसे भी चर्चितऑडियो का वजूद शहडोल में कभी कुछ रहा नहीं ....तो इस ऑडियो को कोई निष्कर्ष निकलेगा कह पाना जल्दबाजी होगी। क्योंकि इसमें तो अफसरों की लंबी कतार है फिर किसी ने बताया कि वायरस ने 50000 का एक मोबाइल किसी उच्च अधिकारी की महिला को यूं ही गिफ्ट किया है। उस मोबाइल से कितना वायरस फैल रहा है कुछ कहना मुश्किल है। बेहतर तो होता यह कि वायरस को वहीं पर सीमित करके पहले माफिया को किल किया जाता है, किंतु उन्हें डर है कि माफिया किल हो जाने से उनके बच्चों के पेट पालने वाला कौन मसीहा आएगा.....? इसलिए मिडिलमैन-वायरस को किनारे करके एक जांच बैठा दी गई... बजाय इसके की बातचीत के दौरान जो तथ्य निकलकर के आए उसमें से कुछ अवैध खदानों की अवैध मशीनों और वाहनों को जप्त करके उनको जंगल विभाग राजसात कर लेता।

 तो ईमानदारी का कोई एक तोता पिंजरे से निकलकर एक पर्ची निकाल कर शायद किसी जंगली को ईमानदार अफसर बनने का भविष्यवाणी करता .... किंतु दुखद है की माफिया वायरस को संरक्षण देते हुए  बांधवगढ़  आरक्षित  टाइगर फॉरेस्ट में भेज दिया गया.. ताकि वर्षों से टिका नवाब की नवाबी याने माफिया गिरी अब सीधे उच्च अधिकारियों के संपर्क में सफलता से चलाई जा सके....? वैसे वायरस को परेशान नहीं होना चाहिए क्योंकि यहां वहां होने के बाद फरहत जहां भी उमरिया पहुंच गई हैं अब उमरिया में ऊंची उड़ान माफिया के लिए माफिया गिरी और नवाब के लिए नवाबी के अरमान भी पूरे हो जाएंगे इस व्यवस्था को नवाब की तरह "हम भी परणाम करते हैं" आखिर यह संभाग के प्रभारी मंत्री का मुख्यालय जो है तो एक से भले दो, दो से भले तीन.....


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