सेवा सप्ताह बनाम नंगा नाच - 3
भाजपा का 25 करोड़
भोजन के पैकेट
एक राष्ट्रीय झूठ..?
(त्रिलोकीनाथ)
आज सिर्फ उस हिस्से की चर्चा करेंगे जो सत्ताधारी भारतीयजनतापार्टी के पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सेवा-सप्ताह के अंदर यह कहकर कांग्रेस पार्टी के ऊपर हमला किया है की उनके कार्यकर्ताओं ने 25 करोड़ लोगों को भोजन के पैकेट बांटे हैं और विपक्षी पार्टियों ने एक भी पैकेट नहीं बाटे।
यह मेरी नजर में सेवा-सप्ताह का सबसे बड़ा झूठ था। तो गणित की भाषा में समझ ले कि यह कैसे झूठ था..... हम इस झूठ पर यकीन भी कर ले जो सत्ता के रक्षामंत्री ने बाद में शायद प्रधानमंत्री ने भी व वित्त मंत्री ने तो कहा ही था की 80करोड़ देश की आबादी को मुफ्त में अनाज दिया गया है। याने पेट भरा गया है ।इस कार्यकाल में तो हम इस झूठ को भी नजरअंदाज करते हैं क्यों हो सकता है यह सच हो उनकी अपने तर्क की परिभाषा में, यह राजकाज है ।,
वह बोलते होंगे किंतु सत्ता पार्टी का का संगठन प्रमुख अगर झूठ बोलता है तो वह दुखद है ।
अब समझे कि उन सब सरकार और संगठन तथा डॉन अनुसार भारतीय जनता पार्टी 10करोड़ से जादा कार्यकर्ताओं वाली पार्टीहै। जो उनके कर्मठ कार्यकर्ता है, जो कभी भी बलिदान के लिए तत्पर रहते हैं ।
और इसमें कोई शक नहीं हम राम की भी कसम खा सकते हैं की पार्टी का कार्यकर्ता कुछ जब भी निर्देश हुआ है उसने घर से रोटी बनाकर अपने गुप्त और सार्वजनिक कार्यकर्ताओं के लिए भोजन पहुंचाया है। यह इन कार्यकर्ताओं की निजी गुणवत्ता है। जो देश के संस्कार से आया है। यह अलग बात है कि संस्कार का किस प्रकार से प्रयोग हो रहा है । तो अगर कम से कम इन 10 करोड़ कार्यकर्ताओं को निर्देश किया गया होता कि वह सुबह और शाम का 1-1 भोजन पैकेट बंबई की भाषा में खाने का डिब्बा तैयार करके अगर प्रतिदिन पहुंचाया जाता करोड़ों पलायन प्रवासी श्रमिकों के लिए जो लावारिस हो चुकी व्यवस्था के कारण रोड से गुजर रहे हैं आर्थिक मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना का है लेकर उनकी सेवा की जा सकती थी, तो भी 20 करोड़ पैकेट प्रतिदिन भारतीय प्रताड़ित नागरिकों के लिए उपलब्ध हो सकता था। हालांकि 10 करोड़ कार्यकर्ताओं का का आंकड़ा बहुत पुराना है अब तो ज्यादा बढ़ गए होंगे क्योंकि सत्ता के गुण में मक्खी की तरह लोग चिपक जाते हैं। तो इस तरह भारतीय जनता पार्टी के प्रमुख में क्या सिर्फ डेढ़ सौ से ज्यादा दिन की प्रताड़ना के अवसर पर सिर्फ 1 दिन पिया आधा दिन सेवा करने का निर्देश डॉन की तरफ से हुआ था.....? क्योंकि भाजपा का कार्यकर्ता सेवा तब करता है जब निर्देश होता है, बाकी 149 दिन आपने क्या किया....?
डॉन के निर्देश पर बनाया गया कांग्रेस का पप्पू राहुल गांधी एक दिन दिल्ली की सड़कों में प्रवासी पैदल चल रहे नागरिकों के बगल में बैठ गए तो लगा सत्ता का सिंहासन टूट जाएगा। उन्हें फीलगुड नहीं हुआ कि कोई एक नेता तो जमीन पर आया, संवेदना लेकर....
क्योंकि ताली और थाली बजाकर फिर दीप जलाकर और फिर दीपोत्सव में कोरोना राम का पूजन करा कर जिस भयानक तरीके से इस देश के नागरिकों को उनकी धार्मिक श्रद्धा के कारण और नेताओं के प्रति आस्था के कारण डराया गया कि वह अपने ही घर में बीमारी में अंधभक्त होकर अपनी ही मां को यह जानते हुए भी कि वह कोरोनावायरस नहीं है स्पर्श नहीं कर पा रहा है...
...और अंत में जो हुआ बहुत दुखद था मृत्यु के दौरान मृत्यु के पहले और अब मृत्यु के बाद कोरोना का डर और उससे बड़ा डर को बनाए रखने का प्रबंधन के चलते हम अमानवीय होते चले गए....। क्योंकि मृत्यु के पश्चात हम उस मृत्यु संस्कारों का भी पालन करने में असफल हो रहे हैं जिसके लिए कोई प्रबंधन नहीं है। क्या यही अच्छे दिन हैं...? क्या इन्हीं अच्छे दिनों के लिए सफलतापूर्वक संपन्न होने के कारण या मध्य अवधि के दौर में सेवा-सप्ताह का जन्म-उत्सव मनाया....?
क्योंकि अभी तक सरकार ने कोविड-19 बीमारी का कम्युनिटी ट्रांसमिशन याने सामाजिक रुप से बीमारी के आ जाने की स्वीकृति भी नहीं दी है जबकि कम से कम शहडोल शहर में यह हवा में फैलती दिख रही है..... तो 17 सितंबर का जन्मोत्सव 87000 के नागरिकों के मरण दिवस का एक प्रतीक मेरे परिवार में भी टूट पड़ा....
मैं चाह कर भी हे नरेंद्रमोदी ka जन्म दिवस अंधभक्तों की महान परंपरा में नहीं मना सकता......? भारत के व्यवस्था को गुप्त रूप से चलाने वाले डॉन तुम्हें प्रणाम है..., और कोरोनाराम जिनका महल अयोध्या में 5 अगस्त को भव्य आयोजन के साथ पूजन किया गया... ऐसे कोरोना राम को शत शत प्रणाम है।
और उनके 10 करोड़ से ज्यादा महान कर्मयोगी-अंधभक्तों को/ कार्यकर्ताओं को जो लोकतंत्र में जनता-जनार्दन के रूप में स्थापित हैं। आपको बहुत-बहुत बधाई, 17 सितंबर को सेवा सप्ताह बनाम नंगा नाच का प्रदर्शन करने के लिए |
चलते चलाते आज की खबर जरूर बता दें कि मुख्यमंत्री शिवराज जी को ठंडा खाना मिला तो उन्होंने अधिकारी को दंडित कर दिया। करोड़ों जनता भूखों पैदल गई , कई मर गए क्या किसी को दंडित किया गया....?
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