प्रिय कोरोना,
तुम होते तो ऐसा होता है...
तुम होते तो वैसा होता है...
(त्रिलोकीनाथ)
कोरोना का जन्म चीन के वुहान में हुआ इस नाते चीन कोरोना का पिता कहलाया जैसे कई अदृश्य शक्तियां सूत्र रूप में वेद मंत्रों में स्थापित हैं, वैसे ही कोरोना भी एक अदृश्य शक्ति है । उसकी ताकत का एहसास तो कांग्रेस के नेता राहुल गांधी कर रहे थे और उन्हें चेताया भी किंतु वे सब उन्हें नजरअंदाज करते रहे। क्योंकि कोरोना-देवता मध्यप्रदेश में निर्वाचित सरकार को गिराने के लिए 24 विधायकों में सवार हो गए थे। खुद ग्वालियर किला के उत्तराधिकारी ज्योतिरादित्य पर साक्षात देखे भी गए। अब तो साक्षात शिवराज के ऊपर की विराजमान है| ऐसा चिरायु में बैठकर स्वयं शिवराज के मुखारविंद से प्रकट हो रहा है।
बहरहाल जब राहुल गांधी बता रहे थे तो कोरोनावायरस को देखकर ही मध्य प्रदेश के 24 विधायक आसमान में लगातार उड़ते रहे ।फिर वे जमीन पर आए ।
शहडोल क्षेत्र के अनूपपुर विधानसभा के विधायक बिसाहूलाल भी अंततः जब आये तो उन्होंने कहा कि वे "तीर्थयात्रा" पर गए थे। तो लगता है कि कोरोना देवता की तीर्थ करने गए थे। इस तरह है भारतीय जनता पार्टी ने पूरे मनोभाव से कोरोनावायरस की उपासना की और उन्हें वांछित मनोफल प्राप्त भी हुआ। महाराज समेत शिवराज सत्ता पर बाजी मार ले गए। कोरोनावायरस का नशा इस प्रकार का कि उतरने का नाम ही नहीं लिया ।
इसलिए शिवराज अकेले ही एक महीना तक पूरा मंत्रिमंडल अपने विराट स्वरूप से चलाते रहें।
इस तरह कोरोनावायरस का उपासना करने वाले सभी कांग्रेसी विधायकों को उनकी हैसियत के हिसाब से आशीर्वाद मिला। कहते हैं तब 35 से 50 करोड़ में एक विधायक पड़ा था। तत्कालीन राज्यपाल लालजी टंडन कोरोना का अवतार बन कर भाजपा के लिए वरदान पूर्ण कार्य किया। कांग्रेस की सत्ता खत्म हुई और शिवराज के नेतृत्व में भाजपा रूपी मिली-जुली सरकार चल रही है। अपनी भूमिका अदाकर के टंडन जी पृथ्वी को छोड़कर चले गए।
अब बारी राजस्थान के गवर्नर कालराज मिश्रा की है ।उन्हें भी कोरोना की कोई चिंता नहीं है मध्यप्रदेश के बाद अब कलराज को कोरोनावायरस के रूप में अपने उपासकों को आशीर्वाद प्रदान करना पूरी कर्तव्यनिष्ठा से शेष उम्र का उपयोग लोकसत्ता में परिवर्तन करके सिद्ध करना है कि वे सच्चे और उनके अवतार लाल जी की तरह ही रहे।
इधर अयोध्या में अब कलयुग मे राम, "कोरोनाराम" बनने जा रहे हैं क्योंकि उनका 500 साल बात उनके किले "मंदिर का शुभारंभ" 5 अगस्त को प्रस्तावित तौर पर घोषित हुआ है। यह अलग बात है सनातन हिंदू धर्म के चार प्रमुख पीठों में 2 पीठ के पीठाधीश शंकराचार्य स्वरूपानंद जी सरस्वती ने 5 अगस्त के मंदिर निर्माण की प्रक्रिया को अशुभ तिथि घोषित किया है और उनके अनुसार शंकराचार्य ने कहा है कि ऐसे में इस घोषित तिथि में शुभ मुहूर्त ना होने के कारण इस अवसर पर किया गया शिलान्यास देश को बड़ी चोट पहुंचाने वाला हो सकता है। उन्होंने कहा है कि काशी में विश्वनाथ मंदिर के आसपास चौड़ीकरण के समय भी हमने चेताया था कि वहां मंदिरों को तोड़ने का कदम पूरे विश्व को समस्या में डाल सकता है, लेकिन तब भी उनकी नहीं सुनी गई थी।पांच अगस्त को अयोध्या में जहां राममंदिर निर्माण के भूमि पूजन की
तैयारियां तेज हो गई हैं, वहीं द्वारिका-शारदा पीठ के शंकराचार्य
स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने उस दिन भवन या मंदिर निर्माण के आरंभ का कोई मुहूर्त
न होने का दावा किया है। शंकराचार्य ने कहा है कि देवशयन के साथ ही उस दिन
भाद्रपद(भादों) मास रहेगा, ऐसे में भूमि या भवन पूजन नहीं किया जा
सकता।शंकराचार्य ने चेताया है कि बिना मुहूर्त के रामलला के मंदिर निर्माण के
लिए भूमि पूजन देश को बड़ी समस्या से में डाल सकता है। मध्यप्रदेश स्थित परमहंसी
आश्रम से भेजे संदेश में शंकराचार्य ने कहा है कि श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र
ट्रस्ट की ओर से पांच अगस्त को की गई राम मंदिर निर्माण के शिलान्यास की घोषणा
शास्त्र सम्मत नहीं है। उस दिन सूर्य के दक्षिणायन होने के साथ ही भाद्रपद मास
कृष्ण पक्ष की द्वितीया है।
अन्य बिंदुओं पर आ रही देश की राजनीति:उमा
उन्होंने सरकारें
आने-जाने को माया बताया और कहा कि इस अभियान में भागीदारी का कभी अफसोस नहीं रहा.
सीबीआई अदालत को मंदिर
, कानून को
वेद और जज को भगवान बताते हुए उमा भारती ने कहा कि उनके मुंह से जो वाणी निकलेगी, शिरोधार्य करूंगी. मुझे तो हर सजा मंजूर
थी. भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व
केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने पीएम मोदी का बचाव करते हुए कहा है कि सोमनाथ मंदिर
का निर्माण कार्य राष्ट्रपति डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद ने शुरू कराया था. अब
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसी तर्ज पर मंदिर निर्माण का कार्य शुरू कराएंगे.भाजपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष ने मंदिर निर्माण की टाइमिंग को लेकर उठ रहे
सवालों को लेकर भी करारा पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि मुहूर्त सही है या नहीं? कोरोना के समय ही क्यों हो रहा है? ये सब बातें सिर्फ इसलिए हो रही हैं, क्योंकि अब देश की राजनीति अन्य बिंदुओं
पर आ रही है. उमा भारती ने कहा कि अब हम पीएम मोदी के नेतृत्व में राम मंदिर से
राम राज्य की ओर बढ़ेंगे."
इस बीच अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की खबरों की दौरान यह खबर भी जमकर फैली
की अयोध्या की पुजारी सत्येंद्र दास और अन्य 14 पुलिस कर्मचारी कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं जो वहां रक्षा पर तैनात थे| इससे अशुभ घड़ी-तिथि के अंदेशे पर प्रश्न खड़े होने लगे.....? इन सबसे भारतीय राजनीति में इंडियन कोरोनावायरस अपनी राजनीतिक पहचान खत्म करने पर तैयार नहीं है| वह लगातार साम्राज्यवादी विस्तार कि अपनी सोच को क्रियान्वित कर रहा है अब तक माने तो 50000 से ऊपर प्रतिदिन कोरोनासंक्रमित अपनी रफ्तार को पकड़े हुए|
डर की राजनीति पर विश्वास रखने वाले राजनीतिक सोच के लिए कोरोना के सामने कोई रफाल हवाई जहाज की ताकत भी नहीं टिकती , वह लगातार इस डर को बरकरार रखना चाहता है ... | इस दौर पर वह अपनी कुशल अद्यतन डिजिटल पॉलीटिकल सिस्टम पर लगातार काम भी कर रहा है, कुछ इस अंदाज में कि...
"प्रिय कोरोना,
तुम होते तो ऐसा होता है...,
तुम होते तो वैसा होता है...
ना मंदिर की चिंता, चिंता ना भगवान के और ना ही इंसान की...क्योंकि अब त्रेता युग के राम कि नहीं, कलयुग के राम कि नहीं,
कोरोना के राम की युग में हम जी रहे हैं.... कुछ ऐसा कोरोनावायरस का संदेश है ...
और यही आज का रामराज्य...
नया रामराज्य.., नया इंडिया का
नया लोकतंत्र का संदेश है ...
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