सोमवार, 20 जुलाई 2020

गुलाबी नगर की हवा हवाई राजनीति

मैं जानता था पायलट निकम्मा है, अब चाल, चरित्र, चेहरा सबके सामने आयाः अशोक गहलोत

गहलेात यहीं नहीं रुके. उन्‍होंने पायलट को निकम्‍मा और नाकारा तक करार दे दिया. उन्‍होंने कहा, "एक छोटी खबर भी नहीं पढ़ी होगी किसी ने कि पायलट साहब को कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष के पद से हटाना चाहिए. हम जानते थे कि वो (सचिन पायलट) निकम्मा है, नकारा है, कुछ काम नहीं कर रहा है खाली लोगों को लड़वा रहा है."
हवा महल के लिए प्रसिद्ध गुलाबी नगर जयपुर में इन दिनों सत्ता का नशा की खुमारी का दौर चल रहा है कांग्रेसमें बुजुर्ग नेता अपने युवा उत्तराधिकारी यों पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं बजाएं उन्हें मार्गदर्शन करने के कांग्रेस की  विरासत को सौंपने का काम युवा हाथों में देने की वजह उनकी कमियों को गिना रहे हैं हो सकता है मुख्यमंत्री गहलोत अपने अनुभव से जो पाए हो उस भावना को व्यक्त कर रहे हैं किंतु अगर वह भटकाव है तो उसे ठीक करने का काम भी गहलोत का ही था इस तरह कांग्रेस पार्टी का सांगठनिक ढांचा बुरी तरह से लड़खड़ा रहा है
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि वह सात साल प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष रहे लेकिन किसी ने उन्हें हटाने की मांग कभी नहीं की.गहलोत ने कहा कि इतिहास में यह पहला उदाहरण होगा कि पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष अपनी ही पार्टी की सरकार को गिराने के षडयंत्र में शामिल रहा. उन्होंने हैरानी जताते हुए कहा, ‘‘जिस प्रदेशाध्यक्ष पायलट को प्रदेश में इतना सम्मान मिला वह कांग्रेस की पीठ में छुरा घोंपने को तैयार हो गया.'' उन्होंने कहा कि बहुमत उनके साथ है और सरकार को कोई दिक्कत नहीं है. गहलोत ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘राजस्थान एकमात्र ऐसा राज्य है जहां सात साल में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष को बदलने की कभी मांग नहीं हुई. हमें पता था कि यहां कुछ नहीं हो रहा है. हम जानते थे कि वह ''निक्कमा'' और ''नाकारा'' है, फिर भी पार्टी हित को देखते हुए हमने कभी सवाल नहीं उठाया.'' गहलोत ने कहा कि पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष के रूप में पायलट का सम्मान कैसे करना है, यह उन्होंने अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं को सिखाया क्योंकि पार्टी का प्रदेशाध्यक्ष मायने रखता है.  कहा कि किसी ने कभी उनके खिलाफ एक शब्द नहीं बोला फिर भी ‘‘वह व्यक्ति कांग्रेस की पीठ में छुरा घोंपने के लिए तैयार हो जाता
सत्ता का चरित्र हमेशा संदेह से भरा रहा है पर यही कारण है कि जहां भारतीय जनता पार्टी ने अपने बुजुर्ग नेताओं के लिए मार्गदर्शक मंडल बनाकर उन्हें दर्शक दीर्घा में खड़ा कर दिया है वही कांग्रेस पार्टी के बुजुर्ग नेताओं ने युवाओं को कटघरे में खड़ा कर रखा है



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