अखबारी कतरन 26.05.2020
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और अंत में.......
20 साल पहले
शहडोल का मोहन का मंदिर 3 करोड़ रुपए से ज्यादा लग गया है हाई कोर्ट जबलपुर ने लंबित विवाद में 2011 में ही विवाद निराकरण तक एसडीएम सोहागपुर के अधीन एक स्वतंत्र एजेंसी के संरक्षण में दिया था। किंतु करोड़ों रुपए के बाद भी ना तो हाईकोर्ट का पालन कराया जा सका और ना ही इस विरासत की संरक्षण हेतु उच्च न्यायालय के आदेश का सम्मान किया गया। बल्कि लगातार अवमानना होती जा रही... क्योंकि यह मोहन राम पांडे की दान-सुधा आराजी है....
जिसे हिंदू धर्म और हिंदुत्व के लोगों ने लूटपाट और डाका का अड्डा बना दिया..? विरासत सिर्फ टूट और नष्ट भ्रष्ट हो रही है।
यही है पढ़े लिखे समाज की योग्यता का आज का धर्म...
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20 साल पहले
शहडोल का मोहन का मंदिर 3 करोड़ रुपए से ज्यादा लग गया है हाई कोर्ट जबलपुर ने लंबित विवाद में 2011 में ही विवाद निराकरण तक एसडीएम सोहागपुर के अधीन एक स्वतंत्र एजेंसी के संरक्षण में दिया था। किंतु करोड़ों रुपए के बाद भी ना तो हाईकोर्ट का पालन कराया जा सका और ना ही इस विरासत की संरक्षण हेतु उच्च न्यायालय के आदेश का सम्मान किया गया। बल्कि लगातार अवमानना होती जा रही... क्योंकि यह मोहन राम पांडे की दान-सुधा आराजी है....
जिसे हिंदू धर्म और हिंदुत्व के लोगों ने लूटपाट और डाका का अड्डा बना दिया..? विरासत सिर्फ टूट और नष्ट भ्रष्ट हो रही है।
यही है पढ़े लिखे समाज की योग्यता का आज का धर्म...
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