आज का भारत में,
दो प्रकार के महिलाएं ...
21वीं सदी में मोदी सरकार की भारत में दो प्रकार की महिलाएं हो गई है, एक जो एक भेजो घूंघट ओढ़ कर लगातार पैदल चल रही है ,हजारो किलोमीटर अपना लाज बचाते हुए... क्योंकि इन्हें अपने वंश को बचाना है तो अपने बच्चे को अटैची के ऊपर लेटा कर अटैची खींचकर पैदल ले जाते...
और दूसरी वह जो देश के मोदी सरकार की वित्त मंत्री हैं निर्मला सीतारमण, बंद कमरे में 20 लाख करोड़ रुपए का बजट बताते हुए कि कैसे "वायरस" के आपदा को अवसर में बदलते हुए लिए गरीबों के हित के लिए पैसा खर्च किया जाए.....
किंतु सीतारमण जैसी महिलाएं घूंघट में अपने लाल को बचाते हुए भी अपने बच्चों को बचाते हुए चलने वाली इस महिला के लिए एक रुपए भी तत्काल राहत पहुंचाने वाला खर्च नहीं बता पाई....
यही है आज का भारत.....
दो प्रकार के महिलाएं ...
21वीं सदी में मोदी सरकार की भारत में दो प्रकार की महिलाएं हो गई है, एक जो एक भेजो घूंघट ओढ़ कर लगातार पैदल चल रही है ,हजारो किलोमीटर अपना लाज बचाते हुए... क्योंकि इन्हें अपने वंश को बचाना है तो अपने बच्चे को अटैची के ऊपर लेटा कर अटैची खींचकर पैदल ले जाते...
और दूसरी वह जो देश के मोदी सरकार की वित्त मंत्री हैं निर्मला सीतारमण, बंद कमरे में 20 लाख करोड़ रुपए का बजट बताते हुए कि कैसे "वायरस" के आपदा को अवसर में बदलते हुए लिए गरीबों के हित के लिए पैसा खर्च किया जाए.....
किंतु सीतारमण जैसी महिलाएं घूंघट में अपने लाल को बचाते हुए भी अपने बच्चों को बचाते हुए चलने वाली इस महिला के लिए एक रुपए भी तत्काल राहत पहुंचाने वाला खर्च नहीं बता पाई....
यही है आज का भारत.....
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