श्रम कानून में हुए बदलावों का हुआ विरोध
वर्तमान में हुए श्रम कानूनों में बदलाव का विरोध शुरू हो गया है। दिनांक 14 मई को सभी कर्मचारियों ने अपने हाथ मे कागज़ में लिखे संदेशो को रख के सोशल मीडिया के माध्यम से विरोध दर्ज कराया है । शहर में श्री संदीप शर्मा के नेतृत्व में हुए इस विरोध प्रदर्शन की जानकारी मीडिया प्रभारी श्री नमन शुक्ला द्वारा दी गई।विरोध दर्ज कराते अध्य्क्ष संदीप शर्मा |
श्री शुक्ला ने बताया कि
- विरोध वर्तमान में हुए श्रम कानूनों में बदलाव का है ।
- उन्होंने कहा कि यह कानून बदलाव दबे पांव मजदूरों के दमन का है ।
- 12 घंटे की कार्यप्रणाली में मजदूरों की निजी जिंदगी पूरी तरीके से खत्म हो जाएगी और वह केवल मानव रूपी मशीन बन के रह जाएगा ।
- अगर हम देखें तो एक मानव शरीर को स्वस्थ रहने के लिए 8 घंटे की नींद आवश्यक है अगर हम इन समय को मिला ले तो दिन के 24 घंटे में से 20 घंटे केवल यहीं पर चले गए बचे हुए 4 घंटों में भी कई समय कर्मचारी को ऑफिस आने की तैयारी ज्ञा आने-जाने के रास्ते में ही लग जाता है जो पूरी तरीके से उसकी निजी जिंदगी को प्रभावित करता है।
- श्री संदीप शर्मा की अध्यक्षता में हुए इस प्रदर्शन का ब्यौरा देते हुए श्री शुक्ला ने बताया कि पहले 38 Labour Law प्रभावी थे किंतु वर्तमान में हुए बदलावों के कारण अब केवल तीन सेक्शन ही प्रभावी रह गए यह एक प्रकार से मजदूरों की अभिव्यक्ति का दमन है ।
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