गुरुवार, 5 दिसंबर 2019


"मॉब लिंचिंग आफ रेपिस्ट बाय पुलिस सिक्योरिटी......?"

(त्रिलोकिनाथ)

बहुचर्चित प्रकरण का अंत बिना न्याय के, बिना पारदर्शिता के गोली चला कर खत्म कर देने से विषय को खत्म नहीं करना चाहिए... जब तक पूरे प्रकरण के लिए दोषी अन्य व्यक्ति भी इसमें दंडित ना हो जाए। अन्यथा पुलिस की सुरक्षा "काउंटर की गारंटी" भी बन सकती हैं और अपनी असफलता को छुपाने के लिए पुलिस की कार्यप्रणाली पुलिस काउंटर का सहारा लेती रहेगी।
 ऐसे में तो जेल से निकालकर किसी भी अपराध की आरोपी की गोली मार देना हत्या कर देना बहादुरी का प्रतीक बन जाएगा। क्योंकि ऐसी हत्याओं से "दोषी लोकतांत्रिक कार्यप्रणाली" नकाबपोश हो जाएगी।
 यदि यही रास्ता अपनाना है तो जो पकड़ा जाए  अपराधी साबित होगा बाकी ऐसे जघन्य तम चिन्मयानंद जैसे लोग रोल मॉडल  अस्पतालों में सत्ता के संरक्षण में राजनीति करते रहेंगे। 
धार्मिक संस्थानों में लगातार हो रहे बलात्कारों के लिए आसाराम और राम रहीम को जेल से निकालकर गोली क्यों नहीं मार देनी चाहिए.....
 क्योंकि वह सत्ता के संरक्षण में है....? उनसे वोट की राजनीति चलती है....?
राजनीति का पेट पलता है.....?,

 क्योंकि वे.. बलात्कार के आरोपी अपराधी छोटे-मोटे रोजगार वाले थे इसलिए वे "सब्जेक्ट टू क्लोज" की विषय सामग्री बन गए...? यह दुखद है कि प्रशासन बहुत चर्चित बलात्कार प्रकरण में न्यायालय से दंड दिलाने की बजाये मामले में पानी फेरने का काम किया...। जब आरोप लग रहे हैं किसी भी अपराध का  तो प्रथम दृष्टया हर अश्लील और गंभीर आरोप के आरोपी को को स्वयं पद से दूर हो जाना चाहिए, जब तक कि वह पाक साफ ना हो....?
  पुलिस की यह कार्यप्रणाली असफलता छुपाने के लिए रोलमॉडल बन जाएगी और....
 तब अखबारों में हेडिंग आएगी "मॉब लिंचिंग आप रेपिस्ट बाय पुलिस सिक्योरिटी......?"
🤔😵🙁😣🤔
घटना के संदर्भ की कुछ जानकारी निम्नानुसार है
(अधोलिखित जानकारी लल्लनटॉप से कट पेस्ट है)
हैदराबाद रेप केस की वारदात 27 नवंबर की है. जिस 26 साल की लड़की के साथ अपराध हुआ, वो वेटनरी डॉक्टर थी. 27 नवंबर की शाम साढ़े पांच बजे वो घर से निकली. रात 9.22 मिनट पर उसने अपनी बहन को फोन किया. बताया कि उसे डर लग रहा है. उसकी स्कूटी का टायर पंचर हो गया था. कुछ लोग उसके पास आकर मदद देने की बात कह रहे थे. मगर डॉक्टर को वो ठीक नहीं लग रहे थे. यही बात उसने बहन को फोन पर बताई. बहन ने कहा, वो उनसे बात करती रही. इसके बाद रात 9.45 पर बहन ने उसे कॉल किया. फोन स्विच ऑफ आ रहा था. बहन राजीव गांधी इंटरनैशनल एयरपोर्ट थाने पर शिकायत लिखवाने पहुंची. मगर वहां पुलिस ने कहा कि टोल प्लाजा उनके अधिकारक्षेत्र में नहीं आता. परिवार का आरोप है कि यहां पुलिस ने उनसे कहा कि शायद उनकी बहन किसी के साथ भाग गई हो. पुलिस ने उनसे ये भी पूछा कि क्या उसका (डॉक्टर) किसी के साथ अफेयर था.

हैदराबाद रेप केस में चारों आरोपियों को पुलिस ने मार दिया. 6 दिसंबर की तड़के सुबह हैदराबाद से ये ख़बर आई. फिलहाल जो घटनाक्रम बताया जा रहा है कि पुलिस चारों आरोपियों को लेकर वारदात वाली जगह पर गई थी. नेहरू-OR प्लाज़ा से कुछ मीटर दूर की वो जगह, जहां डॉक्टर के साथ गैंगरेप करके उन्हें जला डाला गया था. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सुबह के वक़्त धुंध थी. इस धुंध का फ़ायदा उठाकर चारों आरोपियों ने भागने की कोशिश की. और इसी दौरान पुलिस ने एनकाउंटर में उन्हें मार दिया. चारों आरोपी निहत्थे बताए जा रहे हैं. बताया जा रहा है कि पुलिस उन्हें क्राइम सीन रिक्रिएट करने के लिए वारदात वाली जगह पर ले गई थी. मारे गए चारों आरोपियों के नाम हैं- जॉली शिवा, मुहम्मद आरिफ़, जोलू नवीन और केशवालु.



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