बुधवार, 11 दिसंबर 2019

फर्जी-जाति के आग में पक रहीं हैं, भ्रष्टाचार की रोटियाँ.... ( त्रिलोकीनाथ )






फर्जी-जाति के आग  में  पक रहीं  हैं 
भ्रष्टाचार की रोटियाँ ....
मारा जा रहा आदिवासियों  का हक..


(त्रिलोकीनाथ)

-तब IAS जोगी ने बनाया 
   फर्जी जाति प्रमाण पत्र ...

 एक तरफ  शहडोल मेें करीब एक सैैैकडा  फर्जी जाति प्रमाण पत्र का उपयोग करने वालों प्रकरण  व इसकी जांच करने वाले पुलिस व आदिवासी विभाग के  लोगों  के लिये "सोने का अण्डा देने वाली मुर्गी" बन गयी है।
  पहली बार कोई  आय ए एस शहडोल के पूर्व कलेक्टर अजीत जोगी ने  फर्जी जाति प्रमाण पत्र बना कर आदिवासी बनकर यहां संसदीय क्षेत्र का चुनाव कांग्रेस पार्टी के चुनाव चिन्ह पर लड़े थे। उन्हें तब स्थानीय आदिवासियों ने मिलकर याने कांग्रेस के ही दलवीर सिंह और भाजपा से चुनाव लड़ रहे दलपत सिंह परस्ते ने अपनी आदिवासी अस्मिता को बचाने के लिए पराजित किया 

बाद में दलपत सिंह  ने उनके फर्जी जाति प्रमाण पत्र का मामला उठाया | जो अंततः आयोग द्वारा सही पाया गया । छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रहे अजीत प्रमोद कुमार जोगी पूर्व कलेक्टर शहडोल का अनुसूचित जनजाति जाति प्रमाण पत्र फर्जी पाया गया।

 सूत्रों के अनुसार आयुक्त, आदिवासी विकास राज्य स्तरीय अनुसूचित जनजाति छानबीन समिति मध्य प्रदेश द्वारा पुलिस अधीक्षक को कर्मचारियों के फर्जी जाति प्रमाण पत्र के मामले में कार्यवाही करने का निर्देश दिया गया। 


वैसे तो कई विभागो में फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर लोग काम कर रहें हैं  शिक्षा सूत्रों के अनुसार  सहायक शिक्षिका  कुमारी पवनसुती बघेल, प्रभारी प्रशिक्षण अधीक्षक, आईटीआई बेनीबारी प्रवीण कुमार पनिका, श्यामलाल मांझी छाता,  सुखी चरण सोंधिया सहायक शिक्षक कपिलधारा सुहागपुर, शिवचरण मांझी सहायक शिक्षक अमराडंडी के द्वारा फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर की जा रही  इसी तरह करीब एक सैकड़ा मामले  निराकरण हेतु लम्बित है। मामले में शहडोल पुलिस द्वारा डेढ़ साल से भी ज्यादा समय व्यतीत होने के बावजूद भी है बजाय कोई कार्यवाही करने के मामले को ठंडे बस्ते में रखा गया है।

आरक्षण के कानून का यह बड़ा दुरुपयोग

                            ताकि "सांप भी मर जाए और लाठी भी ना टूटे" इस अंदाज पर फर्जी जाति प्रमाण पत्र वाले निश्चिंत होकर काम कर रहे हैं। पुलिस द्वारा कथन लेने के बाद  कोई प्रभावी कदम आरोपियों के विरुद्ध नहीं उठाई है इन सब से फर्जी जाति प्रमाण  पत्र के मामले में शहडोल स्वर्ग बनता जा रहा है ।कुछ तो खा कुछ मुझे खाने दे के अंदाज पर फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनवा कर शहडोल क्षेत्र में लोग अपने अपने ढंग से भ्रष्टाचार को अंजाम दे रहे हैं |
                          डेढ़ साल बाद भी कार्यवाही शून्य है। क्योंकि जितने भी लोग हैं राजनीतिक पकड़ रखते हैं और प्रभावशाली वर्ग से आते हैं। उन्होंने कहा पुलिस अधीक्षक शहडोल इसलिए निश्चित रूप से कार्रवाई किए जाने की आशा बनती है बहरहाल फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर काम करने वालों के लिए स्वर्ग बना शहडोल आदिवासी वर्ग के हितों  पर डाका डाल रहा है। बल्कि उनके लिए बनाए गए आरक्षण के कानून का यह बड़ा दुरुपयोग है।

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