शनिवार, 16 मार्च 2019

Yeh duniya nahin jagir kisi ki Chowkidar




चौकीदार....

यह दुनिया नहीं जागीर किसी की.., राजा हो या रंक यहां सब है चौकीदार ..,
कुछ तो आकर चले गए, कुछ जाने को तैयार ; 
खबरदार ..।

------त्रिलोकीनाथ------------------
    जब यह फिल्म "चौकीदार"  शंकर टॉकीज, शहडोल में लगी थी। पोस्टर ओम प्रकाश और एक कुत्ता जो मुंह में लालटेन दवाए था। हम लोगों ने देखा तो फिल्म देखने के लिए लालायित हो गए। और किसी भी प्रकार से, उस समय किसी प्रकार का मतलब छुप-कर ,लुक कर फिल्में देखना भी हुआ करता थ, इस फिल्म को देखा। ओम प्रकाश, ओम प्रकाश थे...,अदाकारी मे वे अमिताभ बच्चन के चाचा लगते हैं.., अमिताभ बच्चन ने भी स्वीकारा है। जो उन्हें बहुत रेस्पेक्ट करते थे ।
   बहरहाल यह फिल्म थी, तब नैतिकता का जमाना था, जमाना में बदलाव आया, हम भी बड़े हो गए ।बड़े होते-होते एक रेडियो स्टेशन पर हुई चर्चा में, बच्चों ने जो माहौल बन गया था ,भारतीय जनता पार्टी ने ही शायद माहौल बनाया था। इसलिए शनिवार को  बच्चों की सभा में यह गीत के रूप में चल पड़ा की "गली-गली में शोर है, राजीव गांधी चोर है..।   शायद सबसे पहली बार किसी प्रधानमंत्री को बीजेपी ने चोर कहा था और वह बच्चों के लिए गाना बन चल पड़ा था।   संबंधित अकाशवानी के खिलाफ कार्यवाही भी हुई। बात शायद बोफोर्स तोप के मामले की थी... जिसमें कुछ भ्रष्टाचार हुआ था ।
   समय में बदलाव आया और राजीव गांधी के बच्चे राहुल गांधी रफाल हवाई जहाजों की आपूर्ति में सबसे पहले कहा कि "चौकीदार चोर है...", वे  भाजपा केंं नेता व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तंज कस रहे थे, जिन्होंने स्वयं को देश का चौकीदार बताया था ।और यह बात उन्होंने तब कहा था जब  हाइटेक बीजेपी का सिस्टम रिलीज कर दिया था कि राहुल गांधी पप्पू है। याने राजनीति में जागरूक नहीं है । 
और अब इन्हीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को और उनकी हाईटेक बीजेपी को स्वीकार करना पड़ा कि "पप्पू पास हो चुके हैं।, वे जो स्लोगन दे रहे हैं वह रोल मॉडल हो सकता है और इसलिए आज नरेंद्र मोदी और उनकी भाजपा ने स्लोगन को थोड़ा सा हेरफेर कर कहा "मैं भी चौकीदार"  पीएम मोदी ने अपने ट्विटर हैंडल पर एक वीडियो जारी कर 'मैं भी चौकीदार' (Main Bhi Chowkidar) से चुनावी मुहिम की शुरुआत की है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वीडियो के साथ अपने ट्वीट में कहा, ‘आपका यह चौकीदार राष्ट्र की सेवा में मजबूती से खड़ा है, लेकिन मैं अकेला नहीं हूं'. उन्होंने कहा कि हर कोई जो भ्रष्टाचार, गंदगी, सामाजिक बुराइयों से लड़ा रहा है, वह एक चौकीदार है. मोदी ने कहा कि हर कोई जो भारत की प्रगति के लिये कठिन परिश्रम कर रहा है, वह एक चौकीदार है. .. । 
  तो  साहब तय हो गया है, कि "पप्पू पास हो गए हैं "और पप्पू ही भाजपा और नरेंद्र मोदी के स्लोगन तय कर रहे हैं। हालांकि नरेंद्र मोदी की भाजपा का यह अपना मार्केटिंग-स्टाइल है कि वह सामने वाले की बात को पकड़ कर ताश के पत्ते की तरह "नहले पर दहला मारने" का प्रयास करते हैं और इस प्रकार उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के "चौकीदार चोर है" के स्लोगन को "मैं भी चौकीदार "के रूप में दहला मारने का प्रयास किया है।
    किंतु राजनीति की इस जुआगिरी में वास्तविक मुद्दे खत्म करने का प्रयास है। उन्हें भटका कर "राजनीतिक सेवा है" देश की संसदीय प्रणाली को जुआघर बनाने का काम हो रहा है ।दरअसल मुद्दे, जो चुनाव के वक्त उठाए जाते हैं नैतिकता के साथ उनका पालन हो, शिष्टता और सभ्यता के साथ मधुर भाषा के रूप में उसकी प्रस्तुति की जाए, वर्तमान राजनीतिज्ञ इन मर्यादाओं को भूल रहे हैं। और इसलिए हड़बड़ी में जैसे चुनाव एक खजाना हो और उसके लूटने के लिए कुछ भी करने के लिए कुछ इस रूप में की "मोदी है तो मुमकिन है" कि अंदाज पर चुनाव लड़ा जा रहा है..?
   बेहतर होता राजनेता स्वस्थ राजनीति को प्रोत्साहित करते हैं। जो समय की मांग भी है,
 आशा पर आकाश टिका है, कि स्वांस-तंतु कब टूटे.... के अंदाज पर देश का मतदाता देश की आजादी में अपने  मत के अधिकार के बदले स्वच्छ सरकार चाहता है और कुछ नहीं..? तो चलिए हम आपको उस फिल्म "चौकीदार" का प्रसिद्ध गाना सुनाते चलते हैं.., फिलहाल तो आप इसी से काम चलाएं।








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