बुधवार, 13 मार्च 2019

"पॉलिटिक्स आफ  प्रोपेगंडा "
 या फिर....  
"लड़कों की दोस्ती जी का जंजाल..."
तो अब केंद्रीय मंत्री ने कहा समाचार -सूत्र वाले आरोप याने राहुल के आरोप सही थे ......?
तो क्या "चौकीदार चोर है ..." यह भी सही था.....?
------त्रिलोकीनाथ---------

संजय भंडारी से कथित कनेक्शन पर स्मृति का राहुल पर वार, कहा- साले साहब बताएं कि रक्षा सौदों में इतनी रुचि क्यों
संजय भंडारी से जुड़े एचएल पहवा से कथित तौर पर राहुल के जमीन खरीदने और फिर महंगे दामों पर बेचने की बात भी इस मीडिया रिपोर्ट में कही गई है। पहवा के संजय भंडारी से ताल्लुक बताए गए हैं। स्मृति इरानी ने कहा, 'राहुल गांधी अब रॉबर्ट वाड्रा के पीछे छिपने का प्रयास कर रहे हैं।'
एक न्यूज वेबसाइट की रिपोर्ट में राहुल गांधी और हथियार सौदों के दलाल संजय भंडारी के बीच कथित संबंध बताए जाने पर केंद्रीय मंत्री स्मृति ने निशाना साधा है। स्मृति ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि राफेल फाइलों को लेकर यह स्पष्ट हुआ है कि संजय भंडारी की रक्षा मंत्रालय से फाइलें चोरी करने और फिर उन्हें डिफेंस कॉन्ट्रैक्टर्स तक पहुंचाने में भूमिका थी। स्मृति ने मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि लंदन में वाड्रा की बेनामी संपत्ति की जांच में संजय भंडारी से उनके रिश्तों की बात साबित हुई है। 
संजय भंडारी से जुड़े एचएल पहवा से कथित तौर पर राहुल के जमीन खरीदने और फिर महंगे दामों पर बेचने की बात भी इस मीडिया रिपोर्ट में कही गई है। पहवा के संजय भंडारी से ताल्लुक बताए गए हैं। स्मृति इरानी ने कहा, 'राहुल गांधी अब रॉबर्ट वाड्रा के पीछे छिपने का प्रयास कर रहे हैं।' यही नहीं इरानी ने सीधे प्रिंयका गांधी वाड्रा पर भी सीधे तौर पर वार किया। इरानी ने कहा, 'एच एल पाहवा के यहां हुई रेड में चौकाने वाली बात यह है कि उनके पास जमीन की खरीद फरोख्त के लिए पैसे नहीं थे। राहुल गांधी और श्रीमती वाड्रा के लिए जमीन खरीदने के लिए सी सी थंपी ने 50 करोड़ से ज्यादा रुपये दिए।' इरानी ने कहा था कि पहवा और थंपी के भंडारी से संबंध रहे हैं और यह जगजाहिर हैं। 

(नवभारतटाइम्स.कॉम | Updated:Mar 13, 2019, 05:38PM IST)


 केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी ने जमीन घोटाले के मामले में बुधवार को रॉबर्ट वाड्रा के बहाने राहुल गांधी पर जमकर निशाना साधा। ईरानी ने अपनी प्रेसवार्ता में रॉबर्ट वाड्रा, राहुल गांधी और श्रीमती वाड्रा (प्रियंका गांधी) का नाम लिया। उन्होंने कहा कि जीजाजी के साथ साले साहब भी भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। उसके थोड़ी देर बाद ही कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला की प्रेसवार्ता थी। उनसे जब स्मृति ईरानी द्वारा कही गई बात को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने गहरा तंज कस दिया। कहा, एक अशिक्षित व अज्ञानी व्यक्ति से मोदी यह सब कहलवा रहे हैं। ये नहीं पर नहीं रुके, रणदीप ने आगे कहा, फर्जी डिग्री के आधार पर केंद्रीय मंत्री बनने का मौका मिल जाए, इससे उनकी स्थिति समझी जा सकती है।वे मोदी की चहेती हैं। हालांकि इस बाबत रणदीप ने स्पष्टीकरण भी दे दिया।






भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी में पिछले 5 वर्षों में एक चीज की समानता पाई गई की दोनों की ही शैक्षणिक योग्यता संबंधी कोई स्पष्ट जवाब नहीं आए बावजूद इन समान गुणों के पुरानी कहावत अभी भी दमदार है कि "लड़कों की दोस्ती और जी का जंजाल"
 कुछ इसी तर्ज पर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी की कल की प्रेस वार्ता में यह पक्ष देखा गया कि उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष और अमेठी के सांसद राहुल गांधी की कही हुई सभी बातों को प्रमाणित करने का काम किया है, कि यदि समाचार जगत में जानकारियां छपती हैं तो वह सही हो सकते हैं.. और  नैतिक रूप से  जवाबदेही  आरोपी की बनती है  तो क्या  वे  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  को जवाब दे  तय कर रही थी ...?
यह अलग बात है कि केंद्रीय सत्ता में होने के बाद स्मृति ईरानी को अपनी स्मृति पर विश्वास होना चाहिए कि वह केंद्रीय मंत्री हैं, इसलिए मीडिया या इलेक्ट्रॉनिक जर्नलिस्ट अथवा पत्रकारिता के समाचार सूत्रों पर क्या प्रेस कॉन्फ्रेंस  करके कोई आरोप-प्रत्यारोप पर चुनावी मनोरंजन करना चाहिए अथवा नहीं..?
 इस तरह तो उन्होंने राहुल गांधी द्वारा लगाए गए आरोपों जिसका स्लोगन है "चौकीदार चोर है ..." पर मुहर लगा दिया है, की बिना जांच के प्रोपेगंडा पर भी सरकार चलाई जा सकती है। दरअसल स्मृति ईरानी ने किसी समाचार के हवाले से कल 13 मार्च को दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके गांधी परिवार को फैमिली करप्शन पैकेज का आरोप लगाया था जो 2007 में खरीदी गई जमीन के मामले पर था । 
तो सवाल उठता है कि 2014 से 2019 तक भारी बहुमत की सरकार होने के बाद भी अभी तक आप क्या सो रही थी ...?अथवा केंद्रीय मंत्री की स्मृति में उनके प्रशासनिक पकड़ में यह जानकारी के आधार पर गांधी परिवार जेल के अंदर क्यों नहीं दिख रहा है अथवा क्या उन्हें शक है कि नरेंद्र मोदी सरकार के लोग गांधी परिवार के साथ मिलकर केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी के विश्वास को धोखा दे रहे थे .?..आदि -आदि, कई प्रश्न खड़े होते हैं..।
 हो सकता है केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के संसदीय क्षेत्र जहां से वे चुनाव लड़ती दिखी, अमेठी में अपने राजनीतिक प्रतिद्वंदी और अमेठी के सांसद राहुल गांधी से निजी तौर पर रंजिश रखती हो। किंतु किसी केंद्रीय मंत्री को खुद की बहुमत वाली सरकार मैं होने के बाद भी ऐसे करेक्शन पर, जिसका चुनाव के वक्त प्रचार कर रही हैं, सजा ना दिला पाना शासन चलाने की योग्यता को प्रमाणित करता है और इसी बिना पर उन्हें अपने नैतिकता के नाते मंत्री पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। यहां यह स्मरणीय है की स्मृति ईरानी बेहतरीन चरित्र नायिका के रूप में स्थापित रही और बाद में उनके इस अंदाज से प्रभावित होकर शायद नरेंद्र मोदी जी ने उन्हें केंद्रीय मंत्री का मानव संसाधन मंत्रालय पद दिया था। वे खुद की शैक्षणिक  दोहरी -योग्यता के मामले में विवादित भी रही  और  विश्वविद्यालयों में  मनमौजी के कारण उन्हें अंततः  कपड़ा मंत्रालय में काम करने की जिम्मेदारी दी गई । किंतु वे  अंत में  चुनाव के ठीक कुछ दिन पहले जिस प्रकार की गैर जिम्मेदारी  का प्रदर्शन की है  वह उनकी  योग्यता पर कई प्रश्न चिन्ह खड़ा करता है... ।
  हो सकता है  उनके आरोप  सही हो , किंतु सवाल यह है  क्या स्मृति ईरानी  अभी तक निद्रा में रही  और अभी ही उन्हें  अपने चरित्र संवाद का  रोल प्रकट करने को  हेड क्वार्टर से निर्देश हुआ..?
  बहरहाल  भाजपा को सतर्कता से बचपंंने की राजनीति पर  काम करना चाहिए अन्यथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए यह राजनीति "लड़कों की दोस्ती और जी का जंजाल"साबित होगा क्योंकि जनमानस 5 साल के राजनीत में कम से कम यह तो सबक ले ही चुका है कि प्रोपेगंडा राजनीति का एक बड़ा हथियार रहा है और सच्चाई इस प्रोपेगंडा में छुप जाती है...।

1 टिप्पणी:

  1. "पॉलिटिक्स आफ प्रोपेगंडा "
    या फिर....
    "लड़कों की दोस्ती जी का जंजाल..."

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