अमरपाटन के पास रीवा रोड स्थित ग्राम गोबरी में
जन्मे पंडित जी का आज त्रयोदशी है।
श्रीमद्भागवत एवं रामायण के अनवरत चिंतन-मनन में रत, क्षेत्रीय विद्वानों को सूक्ष्मतत्वोंका ज्ञान कराने वाले विद्वत् सभा के विख्यात प्रखरवक्ता पुराणों के मर्मज्ञ पंडित परमेश्वरदीन चतुर्वेदीका पैत्रिक गांव गोबरी मैहर में 7 जुलाई कीमहानिशा में महाप्रयाण हो गया है। विंध्य क्षेत्र की लगभग सभी स्थानों पर पंडित परमेश्वर दीन जी का भागवत उनकी शिष्य परंपरा में प्रचलित रहा है वे अपने आशीर्वचन से भागवत तत्वों का आमजन को लाभ पहुंचाते रहे हैंश्री पौराणिक जी धर्मशास्त्रानुमोदित वर्णाश्रम
व्यवस्था के अनुसार कर्तव्य पथ पर चलने वाले
कर्मयोगी मनीषी थे। श्री पौराणिक जी ब्रह्मसे
प्रस्फुटित वंशपरम्परा में एक ऐसे महान् विभूति थे
जिन्होंने पूरे भारत को अपने दिव्यज्ञान के प्रकाश
से प्रकाशित किया तथा ऋषि-मुनियों की परम्परा
को पुष्ट किया। शिक्षाविदों ने रीवा, मैहर एवं दिल्ली
में शोक सभा आयोजित कर बालब्रह्मचारीब्र ह्मलीन पंडित परमेश्वरदीन चतुर्वेदी को श्द्धाजलि अर्पित किए। शोकसभाओं मेंशिक्षाविद्. आचार्य पंडित अंजनीप्रसाद पाण्डेय,प्रोफेसर गोकुलप्रसाद त्रिपाठी,
प्रोफेसर भगवतशरण शुक्ल,प्रोफेसर रामनरेश| तिवारी, प्रोफेसरअनिरुद्ध कुमारपाण्डेय, प्रोफेसर
राजेश्वर प्रसादमिश्र, प्रोफेसर वेदप्रकाश उपाध्याय, प्रोफेसरवीरेन्द्र कुमार मिश्र, प्रोफेसर नन्दनन्दन
पाण्डेय, प्रोफेसर अजय शंकर पाण्डेय, प्रोफेसर
संजय शंकर मिश्र, प्रोफेसर रमाकांत शर्मा,
प्रोफेसर दिवाकर दत्त शर्मा आचार्य केदार नाथ
द्विवेदी, डॉ. बलराम पाण्डेय, प्रोफेसर शिवकुमार
दुबे, प्रोफेसर राजेन्द्र प्रसाद चतुर्वेदी, आचार्य
सुरेश कुमार शास्त्री, आचार्य रमाकान्त पाण्डेय,
आचार्य द्विजेन्द्र मिश्र, डाक्टर रमेश पाठक,
प्रोफेसर शिवप्रसाद पाण्डेय, प्रोफेसर माण्डवी
शरण त्रिपाठी, डाक्टर श्रीनारायण त्रिपाठी, प्रोफेसर
रामसलाही द्विवेदी, प्रोफेसर देवेन्द्र प्रसाद मिश्र
सहित शताधिक विद्वानों ने पौराणिक जी के
छायाचित्र में अश्रुपूरित विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित
किया आदिवासी अंचल शहडोल में भी उनकी भागवत कथा ग्रामीण अंचलों में लोक प्रिय रही है शहडोल में उनके परिजन अधिवक्ता राकेश चतुर्वेदी के परिवार शोक के समाचार से अधिवक्ताओं और प्रिय जनों अशोक तिवारी राममणि शुक्ला सुखदीप खरे नहीं विनायक शर्मा सुशील शर्मा श्रीनिवास शर्मा कपिल कांत राव सुरेश तिवारी त्रिलोकीनाथ गर्ग पंडित रघुवंश मिश्रा आदि लोगों ने भीऔर पौराणिक जी के दिव्यात्मा केशिव सायुज्य के लिए कुछ क्षण मौन रहकरका शीविश्वनाथ जी से प्रार्थना किया।
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