मंगलवार, 18 जुलाई 2023

विन्ध्य के भागवत मनीषी थे पंडित परमेश्वरदीन

 


अमरपाटन के पास रीवा रोड स्थित ग्राम गोबरी में

जन्मे पंडित जी का आज त्रयोदशी  है।

श्रीमद्भागवत एवं रामायण के अनवरत चिंतन-मनन में रत, क्षेत्रीय विद्वानों को सूक्ष्मतत्वोंका ज्ञान कराने वाले विद्वत् सभा के विख्यात प्रखरवक्ता पुराणों के मर्मज्ञ पंडित परमेश्वरदीन चतुर्वेदीका पैत्रिक गांव गोबरी मैहर में 7 जुलाई कीमहानिशा में महाप्रयाण हो गया है। विंध्य क्षेत्र की लगभग सभी स्थानों पर पंडित परमेश्वर दीन जी का भागवत उनकी शिष्य परंपरा में प्रचलित रहा है वे अपने आशीर्वचन से भागवत तत्वों का आमजन को लाभ पहुंचाते रहे हैं

श्री पौराणिक जी धर्मशास्त्रानुमोदित वर्णाश्रम

व्यवस्था के अनुसार कर्तव्य पथ पर चलने वाले

कर्मयोगी मनीषी थे। श्री पौराणिक जी ब्रह्मसे

प्रस्फुटित वंशपरम्परा में एक ऐसे महान् विभूति थे

जिन्होंने पूरे भारत को अपने दिव्यज्ञान के प्रकाश

से प्रकाशित किया तथा ऋषि-मुनियों की परम्परा

को पुष्ट किया। शिक्षाविदों ने रीवा, मैहर एवं दिल्ली

में शोक सभा आयोजित कर बालब्रह्मचारीब्र ह्मलीन पंडित परमेश्वरदीन चतुर्वेदी को श्द्धाजलि अर्पित किए। शोकसभाओं मेंशिक्षाविद्. आचार्य पंडित अंजनीप्रसाद पाण्डेय,प्रोफेसर गोकुलप्रसाद त्रिपाठी,

प्रोफेसर भगवतशरण शुक्ल,प्रोफेसर रामनरेश| तिवारी, प्रोफेसरअनिरुद्ध कुमारपाण्डेय, प्रोफेसर

राजेश्वर प्रसादमिश्र, प्रोफेसर वेदप्रकाश उपाध्याय, प्रोफेसरवीरेन्द्र कुमार मिश्र, प्रोफेसर नन्दनन्दन

पाण्डेय, प्रोफेसर अजय शंकर पाण्डेय, प्रोफेसर

संजय शंकर मिश्र, प्रोफेसर रमाकांत शर्मा,

प्रोफेसर दिवाकर दत्त शर्मा आचार्य केदार नाथ

द्विवेदी, डॉ. बलराम पाण्डेय, प्रोफेसर शिवकुमार

दुबे, प्रोफेसर राजेन्द्र प्रसाद चतुर्वेदी, आचार्य

सुरेश कुमार शास्त्री, आचार्य रमाकान्त पाण्डेय,

आचार्य द्विजेन्द्र मिश्र, डाक्टर रमेश पाठक,

प्रोफेसर शिवप्रसाद पाण्डेय, प्रोफेसर माण्डवी

शरण त्रिपाठी, डाक्टर श्रीनारायण त्रिपाठी, प्रोफेसर

रामसलाही द्विवेदी, प्रोफेसर देवेन्द्र प्रसाद मिश्र

सहित शताधिक विद्वानों ने पौराणिक जी के

छायाचित्र में अश्रुपूरित विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित

किया आदिवासी अंचल शहडोल में भी उनकी भागवत कथा ग्रामीण अंचलों में लोक प्रिय रही है शहडोल में उनके परिजन  अधिवक्ता राकेश चतुर्वेदी के परिवार शोक के समाचार से अधिवक्ताओं और प्रिय जनों अशोक तिवारी राममणि शुक्ला सुखदीप खरे नहीं विनायक शर्मा सुशील शर्मा श्रीनिवास शर्मा कपिल कांत राव सुरेश तिवारी त्रिलोकीनाथ गर्ग पंडित रघुवंश मिश्रा आदि लोगों ने भीऔर पौराणिक जी के दिव्यात्मा केशिव सायुज्य के लिए कुछ क्षण मौन रहकरका शीविश्वनाथ जी से प्रार्थना किया।

शुक्रवार, 14 जुलाई 2023

शहडोल के भ्रष्टाचारी हिंदुत्व ने  जब अपना धर्म परिवर्तन किया होगा तो वह एमएस अंसारी के रूप में आदिवासी कल्याण विभाग में तृतीय वर्ग का बाबू बना रहा होगा इसीलिए इस बाबू को बाबू रहते कभी कोई कर्तव्य का निर्वहन नहीं करना पड़ा जैसे कभी श्रीनिवास तिवारी किसी भी अरे गैरों को उठाकर प्रदेश के शीर्ष स्थानों पर पद पर बैठा देते थे वैसे शहडोल में एमएस अंसारी के अपने गुप्त संरक्षको  जो उसे कर्तव्यनिष्ठ वफादार राम भक्त सेवक के रूप में चिन्हित किए हुए हैं कई ऐतिहासिक भ्रष्टाचार (जिन्हें प्रमाणित करने की आवश्यकता भी नहीं समझी गई) उनका सफलता पूर्ण तरीके से निर्वहन करने के बाद प्रभारी मंत्री ने आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर  कलेक्शन के लिए अंसारी पर भरोसा किया है... और अंसारी जी जमकर मंत्री जी के आशा के अनुसार सिंगल ट्रांसफर ऑर्डर कर रहे...

 कहां जा सकता है की कोई सरकारी नीति इस प्रकार की नहीं है इस प्रकार "सिंगल ट्रांसफर आर्डर" किए जाएं जबकि  सूची निष्पक्ष दिखने वाली एक मुझसे निकाली  जाती है ताकि कम से कम दिखने में तो भ्रष्टाचार न दिखे.....

 लेकिन शहडोल में यह ज्ञान सक्षम योग्य अधिकारी को जो अधिकारी की पात्रता रखता हो उसे शायद हो सकता है अवश्य हो.... और वह ऐसे आर्डर नहीं करता ...लेकिन जब किसी बाबू को अधिकारी बना दिया जाए तब वह है चाहे कोषालय से करोड़ों रुपए का गैरकानूनी आहरण करना हो या फिर अधिकारी बनकर या बनाया जाकर मंत्री जी से फ्रेंचाइजी लेकर के सिंगल ट्रांसफर आर्डर धड़ाधड़ कर सकता है....

 क्योंकि ऐसे "बाबू कम अधिकारी" का कोई नैतिक दायित्व नहीं होता है. जब अनैतिकता की प्रसव पीड़ा से उसका जन्म होता है उसे मालूम होता है कि वह जन्मजात अधिकारी पद में गैरकानूनी कार्यो के लिए प्रकट हुआ है ‌, तो अगर वह कानूनन काम करेगा तो यह उसकी वफादारी और कर्तव्यनिष्ठा के खिलाफ गद्दारी होगी।
 इसीलिए मंत्री जी के इच्छा के अनुसार वह आंख मूंदकर आदिम जाति कल्याण में जिले का अधिकारी बनकर जिला अंतर्गत ट्रांसफर के कार्य का संपादन कर रहा है। ऐसे अधिकारी अंसारी का मानना यह है यह जिम्मेदारी पात्र अधिकारियों की है कि वे कर्तव्य निष्ठा का पालन करें और जब चुनाव आता है तो वह युद्ध होता है, युद्ध में सब जायज होता है फिलहाल अघोषित चुनाव प्रक्रिया लागू हो चुकी है और ऐसे में पार्टी फंड कलेक्शन की जिम्मेदारी राम भक्त अंसारी को दी गई है।
 क्योंकि पार्टी को मालूम है कि उनके पास कर्तव्यनिष्ठ जो मुन्ना भाई थे वह खुद चुनाव लड़ने के लिए बेताब हैं मुन्ना भाई का भी दावा है कि उन्हें राजमाता का आशीर्वाद प्राप्त है और वह राजमाता के नवीन दत्तक पुत्र हैं और राजमाता अपने दत्तक पुत्र को टिकट नहीं देंगी, ऐसा संभव नहीं ....
इस तरह मुन्नाभाई के सहयोग से राम भक्त अंसारी का कार्यभार पूरी कर्तव्यनिष्ठा से मुन्ना भाई के अनुपस्थिति में उसका काम हो रहा है ।
जैसे "करते हो तुम कन्हैया... मेरा नाम हो रहा है... इस आधार पर आदिम जाति कल्याण विभाग में खुलेआम पूरी पारदर्शिता के साथ एक बाबू को अधिकारी बनाकर मंत्री जी ने खुली लूट की छूट दे दी है और युद्ध में सब जायज है इसलिए यह भी जायज है कि वह "सिंगल ट्रांसफर आर्डर" धड़ाधड़ करता रहे टारगेट विधानसभा चुनाव के लक्ष्य को प्राप्त करना है अब यह अलग बात है कि ऐसे आर्डर पर जमीन में यह ने विभिन्न कार्यालयों में धक्का-मुक्की मची हुई है ।
 ऐसे में एमएस अंसारी की अफसरशाही के इन दिनों जलवे हैं लूट सके तो लूट अंत काल पछतायेगा जब प्राण जाएंगे छूट... इस मूल सिद्धांत पर आदिवासी विभाग इन दिनों चर्चा का गर्म विषय है कौन जाने किस मास्टर की घूस की राशि कब कौन कहां लेकर भाग जाए.... अब बात अन्य विभागों की भी धड़ल्ले से चल रही है.... मंत्री तो मंत्री उनके प्यादे भी जलवो के सुमार पर हैं।
 इसीलिए कहा गया है कि राजा से बढ़कर राजा की पिलाई होती है जिसे कहीं भी पेशाब की छूट होती है सीधी जिले में कर्मठ भाजपा कार्यकर्ता ने तो शराब और सिगरेट के धुए के धुंध में गलत जगह पेशाब कर दीजिए लेकिन शहडोल में पिलाई बिना पिए ही शहडोल जिले के कर्मचारियों के स्थानांतरण में सफर कभी भी कहीं भी पेशाब कर देता है और कोई बोलता भी नहीं क्योंकि सबको मालूम है यह राजा की पिलई है।

भारतीय संसद महामारी कोविड और कैंसर का खतरे मे.....: उपराष्ट्रपति

  मुंबई उपराष्ट्रपति जगदीप धनकड की माने तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के  राम राज्य में और अमृतकाल के दौर में गुजर रही भारतीय लोकतंत्र का सं...