रेत-मुनाफाखोरी को महंगा करने के लिए रेत की चल रही है जमाखोरी
4000 की डग्गी के रेट हुए 8000
खनन माफिया-डॉन बनी है वंशिका...?
सांसद विधायकों की चुप्पी की वजह से खनिज अधिकारी शर्मा का बर्ताव माफिया गुलामों की तरह
सत्ता परिवर्तन होते ही कभी मुख्यमंत्री रहे चन्नी के खास रेत माफिया पंजाब मे गिरफ्तार कर लिया गया ।किंतु मध्य
प्रदेश के कभी विंध्य प्रदेश रहे शहडोल के आदिवासी विशेष क्षेत्र में खनन माफिया तो दूर की बात उसका शहडोल में बैठा हुआ पुलिस रिकॉर्ड में दर्ज जादौन नाम का मुखिया जब भी खनिज विभाग में जाता है खनिज अधिकारी शर्मा चरण धोकर विभाग को पवित्र करने के लिए उसके जल का भर उपयोग नहीं करता बाकी जितनी गुलामी हो सकती है पूरी निष्ठा से यह काम करता है। क्योंकि उसे मालूम है मध्य प्रदेश, पंजाब नहीं है यहां माफिया ही उसका भगवान है। और इसीलिए हालात शहडोल में बद से बदतर होते जा रहे हैं। और हो भी क्यों ना "जब बाड़ी ही खेत खाने लगे" तो हालात यही होंगे जो शहडोल में वंशिका ग्रुप के माफिया वंश के घोषित-अघोषित अपराधिक मानसिकता के लोग खनन माफिया का नंगा नाच कर रहे हैं।
पिछले दो वर्षों से वंशिका का माफिया-वंश बन शहडोल जिले में खनन माफिया का अघोषित सम्राट बना हुआ है। और इस पर पहरेदारी करने की जिम्मेदारी उठाने वाला खनिज अधिकारी प्रमोद शर्मा "पानी को पप्पा" कहने में जरा भी शर्म नहीं खाता है।
कल जब एक अधिवक्ता-उपभोक्ता शहडोल जिले में रेत खनिज की जमाखोरी कर रेत बढ़ाकर कालाबाजारी से बचने के उद्देश्य से प्रमोद शर्मा से रेत उपलब्ध कराने के लिए कहा गया उन्होंने तर्क दिया कि ₹8000 प्रीति डग्गी रेट बहुत ही कम है वास्तव में यह शहडोल का सौभाग्य है इसे तो अन्य जिलों के मुकाबले और अधिक रेत होना चाहिए। शासन की यह मंशा भी है वह यह कहते हुए सरकार का गजट नोटिफिकेशन के जरिए ठेकेदार से अनुबंध में एकाधिकार के तहत दिए गए रेत के ठेके की जानकारी देते हुए बोल रहे थे।
खनिज अधिकारी प्रमोद शर्मा महीने में तनख्वाह लोकहित के लिए कटिबद्ध होकर जनता के दिए पैसों से अपना और अपने परिवार का पेट पालने के लिए उठाते हैं पर पूरी निष्ठा पूरी गुलामी पूर्ण बेशर्मी के साथ इस बात को सिद्ध कर रहे थे कि शहडोल में ठेकेदार अगर रेत की जमाखोरी कर रहा है तो वह कुशल ठेकेदार है इससे वह अपने टेंडर के अनुरूप महंगी रेत बेचकर ठेके की भरपाई करेगा। बल्कि वह शहडोल जिले में रेत माफिया के माफिया गिरी के तूफान पर उसी तरह से बर्ताव करता नजर आता है जैसे कि रेगिस्तान में तूफान चलने पर शुतुरमुर्ग रेत में मुंह अपना छुपा लेता है और आभास करता है कि सब कुछ सही चल रहा है।
माफिया वंश की अवैध खुदाई से हुई 13 वर्षीय लड़की की मौत
उनका दावा है इसी को ठीक-ठाक होना कहते हैं क्योंकि सिस्टम इसी को ठीक होने का प्रमाण देता है। तो मान के चलें कि कभी कलेक्टर शुक्ला ने जो लोकहित के लिए शहडोल के लोगों के लिए रेत के बाजार रेट तय किए थे वह सब उनका प्रोपेगेंडा था ताकि लोगों को मूर्ख बनाया जा सके....? फिलहाल तो शर्मा की बातों से यही लगता है ।अब यह अलग बात है की शहडोल वासी कोई 13 वर्ष की लड़की वंशिका की माफिया वंश के खनिज अपराधों के चलते उसमें फंस कर मर जाती है। दरअसल शहडोल की लड़की को माफिया वंश के फैलाए गए जाल से बच कर चलना चाहिए था। क्योंकि जिला खनिज अधिकारी प्रमोद शर्मा मानता है की रेत खनिज का दोहन सामान्य रूप से पूरा खनिज रॉयल्टी उतना ही खनिज निकाल रही है जितना उसे वैध तरीके से निकालना चाहिए इसलिए यदि कहीं कोई अवैध खनिज के कारण परीक्षित की और पर्यावरण प्रभावित हो रहा है तो वह शहडोल वासियों की गलती के कारण हो रहा है उन्हें उस स्थान पर नहीं जाना चाहिए जहां माफिया वंश का खनिज साम्राज्य काम कर रहा है ।
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