अब 8 लाख रुपए
वार्षिक आय वाले
ईडब्ल्यूएस के दायरे में।
केंद्र सरकार ने न्याय की मनसा को ध्यान में रखकर आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों के लिए आरक्षण की व्यवस्था की है ताकि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग शासकीय योजनाओं में लाभ ले सके । यह अलग बात है की ऐसी शासकीय योजनाएं चाहे रोजगार से संबंधित हो या अन्य चीजों से, अभी सेलेक्टिव( चयनित) तरीके से नियमित की गई हैं।
आरक्षण की प्रचलित धारणाओं के अनुरूप उसका व्यवहार होता नहीं दिखता बावजूद इसके ऊंट के मुंह में जीरा ऊंट को जीरा का टेस्ट दे ही रहा है बहराल अब केंद्र सरकार ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को चिन्हित करने के लिए प्रतिवर्ष आय की सीमा 8 लाख निर्धारित की है इस मामले में विस्तार से समाचार पत्र जनसत्ता ने प्रमुखता दी है तो जानिए कि क्या हुआ है शायद आपके काम की चीज हो.....
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