शनिवार, 15 जनवरी 2022

बीआरसी बनाम बीजेपी बना जैसीहनगर का माहौल।

 

बीआरसी बनाम बीजेपी  बना जैसीहनगर का माहौल।

पुलिस प्रकरण दर्ज नहीं होने से भाजपा जैसिंहनगर हुई थी लामबंद

अक्सर भाजपा नेताओं का आरोप होता था के पहले सिर्फ 15 प्रतिशत ही राशि मिल पाती थी बाकी भ्रष्टाचार में जाते थे किंतु जैसीहनगर के पूर्व बीआरसी ब्रह्मानंद श्रीवास्तव के करतूतों को संज्ञान में लें तो वे हॉस्टल मे बच्चों के हितों के लिए निर्मित फंड में चेक पर सिग्नेचर करने की स्थिति में सिर्फ 5% राशि ही देने की बात करते हैं। यानी 95% राशि बीआरसी अपने तरीके से उपयोग करने पर विश्वास करता रहा है। और यह शहडोल जिले के सभी बीआरसी का मॉडल भी हो सकता है।

 बावजूद इसके शहडोल डीपीसी डॉक्टर मदन त्रिपाठी बेहद कर्मठ, इमानदार और कर्तव्यनिष्ठ अधिकारी हैं, उन्हें उनके अधीनस्थ तमाम बीआरसी किस प्रकार से बदनाम करने का काम करते रहे यह बात ब्रह्मानंद श्रीवास्तव के करतूतों से प्रमाणित होती दिखाई देती है ।


बीआरसी ब्रह्मानंद की ताकत इस ऊंची उड़ान में है कि उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ईमानदारी को भी दांव में लगाने में जरा भी शर्म नहीं आती है। और यह बात जैसीहनगर के भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं को अपच हो गया है। वे सब लामबंद होकर अपने प्रिय नेता नरेंद्र मोदी को बदनाम करने वाले ब्रह्मानंद को जेल की सीखचों में देखना चाहते हैं। और इसलिए उन्होंने लगभग सभी स्तर पर पत्राचार करके जैसीहनगर के 5% बनाम 95% के भ्रष्टाचार के झगड़े की शिकायत किए हैं। किंतु कोई ना कोई उच्च अधिकारी ब्रह्मानंद को संरक्षण दिए हुए जिसकी वजह से उसका मनोबल ताकतवर भारतीय जनता पार्टी से सीधे दो-दो हाथ करने का बना हुआ है ।और यह  साहस कोई अचानक आया दुस्साहस नहीं है वर्षों से ब्रह्मानंद जैसे बीआरसी उच्चाधिकारियों को धोखे में रखकर उनकी छवि को खराब करने का काम किए हैं। देखना होगा की भ्रष्टाचार के रंग में रंगी व्यवस्था को ठीक रखने के चक्कर में कितने लोगों के दामन में दाग लगता है

ज्ञातव्य है शहडोल जिले शिक्षा क्षेत्र में बीआरसी जैसीहनगर के खिलाफ बीजेपी जैसीहनगर लामबंद हो गई है। क्योंकि विकासखंड समन्वयक जनपद शिक्षा केंद्र ब्रह्मानंद श्रीवास्तव ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ अभद्रता पूर्ण व्यवहार किया था। क्योंकि उसे परंपरागत तरीके से जनप्रतिनिधि द्वारा स्कूल फंड के चेक के एवज में सिर्फ 5% राशि देने पर जनप्रतिनिधि को बाध्य किया जा रहा था। जिससे स्कूल प्रबंधन प्रमुख ने वीडियो वायरल कर ब्रह्मानंद के वर्षों से चली आ रही परंपरागत भ्रष्टाचार की पोल खोल दी ।

  


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