अंततः सुप्रीम कोर्ट ने
मामले में स्वतंत्र कमेटी
गठित की
मामला "...जिंदा लौट आने का.."
यानी पीएम की सुरक्षा की चूक का
भारत की पतित होती राजनीति मैं विधानसभा चुनावों के मद्देनजर जो घटनाक्रम विगत दिनों पंजाब की धरती पर हुआ और भारत के प्रधानमंत्री को यह कहकर निराश होते हुए लौटना पड़ा की अपने सीएम को थैंक्स कहना की मैं जिंदा वापस आ लौट आया... 21वीं सदी के भारत में सबसे सशक्त पार्टी के नेता का हमारे सशक्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी कि यह चिंता वास्तव में उतनी ही गंभीर है जितनी भारत की राजनीति मे पतन का दौर गंभीर है। और पतित राजनीतिक चरित्र शैली के बाद पूरे भारत में महामृत्युंजय और भगवान से अपने प्रिय नरेंद्र मोदी के लिए जान की हिफाजत पूजा पाठ होने लगे थे । भारत भारत के राष्ट्रपति भवन तक राष्ट्रपति जी के मिलने तक हो गई थी ।इस इस बार हो रहे प्रोपेगेंडा पर मूल "पीएम की सुरक्षा में चूक का मामला" गौंड़ होता जा रहा था व आम आदमी में भारत के प्रधानमंत्री के अपने ही देश में सुरक्षा में गंभीर विषय कहीं धुंध में खो रहा था।
इसी बीच भारत के उच्चतम न्यायालय में उक्त मामले पर हुई सुनवाई पर संपूर्ण जांच एक स्वतंत्र एजेंसी से कराने का निर्णय लिया है ताकि लोकतंत्र की लोक तांत्रिक कार्यप्रणाली विश्वसनीयता बनी रह सके दैनिक जनसत्ता में इस न्यूज़ को प्रमुख समाचार बनाया है।
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