प्राकृतिक औषधी-संपदा से विलुप्त होते जा रहे शहडोल
अनूपपुर में भी बनेंगे आयुष वन
सूत्रों की माने तो वन मंत्री डॉ. कुँवर विजय शाह ने इस अनूठी पहल की जानकारी देते हुए बताया कि आजादी के अमृत महोत्सव को चिर-स्थाई बनाने के लिए प्रदेश के 9 जिलों में आयुष वन विकसित किये जायेंगे। अगले साल पन्ना, भोपाल, गुना, खण्डवा, बुरहानपुर, बैतूल, अलीराजपुर, शहडोल और अनूपपुर जिले में 450 हेक्टेयर क्षेत्र में आयुष वन विकसित किए जायेंगे। इसी तरह वर्ष 2023-24 में स्थानीय प्रजातियों और जड़ी-बूटियों का रोपण कराया जाएगा।वन मंत्री डॉ. शाह ने बताया कि नर्मदा नदी का उद्गम स्थल अमरकंटक जन-साधारण के लिए आस्था का केन्द्र है। नर्मदा उद्गम स्थल के पास 50 हेक्टेयर क्षेत्र में आयुष वन की स्थापना की जा चुकी है। इस व्यवस्था से औषधि पौधे लगने से पर्यटकों के लिए प्रकृति दर्शन का आकर्षण केन्द्र बनेगा। जैव-विविधता संरक्षण के लिए विभाग द्वारा विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। जलवायु परिवर्तन के खतरों को कम करने की दिशा में जैव-विविधता को बचाना बेहद जरूरी है। उन्होंने विश्वास दिलाया है कि आयुष वन जैसे स्थल पर्यावरण ज्ञान केन्द्र के रूप में उपयोगी होंगे।
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