प्रत्यक्षं किम् प्रमाणम्
टाइम लिमिट की परवाह किसे......? संयुक्त संचालक नगर प्रशासन
आखिर धृतराष्ट्र क्यों ...?
संभाग मुख्यालय मे नपा अध्यक्ष के वार्ड में नहीं भरे गए गड्ढे....
(त्रिलोकीनाथ)
27 सितंबर को शहडोल कमिश्नर राजीव शर्मा ने उच्च अधिकारियों के साथ बैठक करके यह सुनिश्चित किया था कि 7 अक्टूबर तक नगरी क्षेत्र की सड़कों के गड्ढे पैक किए जाएं और संभाग में 15 अक्टूबर तक इस कार्य को पूर्ण कर लिया जाए ।
तो संभाग मुख्यालय शहडोल नगर को देखें तो
कमिश्नर के आदेश का पालन नगर पालिका अध्यक्ष उर्मिला कटारे के वार्ड में बिल्कुल भी नहीं हुआ है, पुरानी गांधी चौक से सिंधी बाजार होकर रेलवे स्टेशन की ओर जाने वाला मार्ग अपनी दुर्दशा पर आज भी उतना ही आंसू बहा रहा है जितना कि पिछले कई समय से भाजपा के सभी अध्यक्षों के कार्यकाल में यह रोता रहा।
जगह-जगह गड्ढे वाली सड़क भारतीय जनता पार्टी की नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती कटारे की प्रशासनिक हैसियत और उनकी कार्यक्षमता को भी उतना ही प्रमाणित करता है जितना कि प्रशासनिक लापरवाही को नया गांधी चौक से लेकर बुढार चौराहा तक बनने वाली कई पंचवर्षीय योजनाओं की नालियां अपना रोना रो
रहे हैं; अब तो बकायदा महात्मा गांधी की मूर्ति के पास मुख्य चौराहे में नालियों में बड़े गड्ढे खोदकर उसे प्रमाण पत्र की तरह नगर पालिका प्रशासन आम जनता को दर्शनार्थ रख छोड़ा है। ऐसे में शेष नगर पालिक शहडोल ही नहीं संभाग के तमाम नगर पालिक संस्थाएं कितनी जर्जर हालत में अपनी बर्बरता से अपने नागरिकों का सम्मान कर रही हैं। जिसे समझा जा सकता है।
बहरहाल जबकि संभाग के सर्वोच्च अधिकारी ने गंभीरता से आम आदमी की पीड़ा को समझते हुए उसे राहत देने का आदेश दिया तो भी पालिका प्रशासन के लोग कितने लापरवाह हो सकते हैं यह नगर पालिका अध्यक्ष के वार्ड में और मुख्य गांधी चौक में स्पष्ट देखा जा सकता है। आशा करनी चाहिए संयुक्त संचालक नगर प्रशासक कम से कम आयुक्त के आदेशों का पालन संभाग मुख्यालय में कराने में गंभीर रहेंगे, अन्यथा प्रशासन ऐसे ही चलता है यह प्रमाणित होता रहा है
आखिर, प्रत्यक्षं किम् प्रमाणम।
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