सोमवार, 13 सितंबर 2021

कौन है हमारा, लोकप्रिय शिक्षा माफिया...? (त्रिलोकीनाथ)

कौन है हमारा,






लोकप्रिय शिक्षा माफिया...?

(त्रिलोकीनाथ) 

अब जब प्रशासन व पुलिस प्रशासन ने निर्भयता/ कर्मठता की बात पर बल दिया है और बल ही नहीं दिया है कुछ कर भी दिखाया है की माफियाओं के स्वर्ग बने शहडोल संभाग में किस किस प्रकार से माफियान्क्सेस शहडोल के तमाम व्यवस्थाओं में दीमक बन कर व्यवस्था को खत्म करने का प्रयास कर रहे थे। ऐसे में प्रभावित पक्षकार को अथवा न्यायहित पर काम करने वाले लोकतांत्रिक नागरिक को चिन्हित करना चाहिए की माफियाओं के प्रकार कहां कैसे काम कर रहे हैं...? ताकि प्रशासन उस पर अंकुश लगाने का काम कर सके ।

 खनिज माफिया के रूप में राजनीतिक भ्रष्टाचार का वह माइनिंग माफिया का पर्याय बन चुका शहडोल का माफियाग्रुप पर जो कार्यवाही हुई है वह पहले भी हो सकती थी। किंतु तब पुलिस व प्रशासन ने नागरिकों को निर्भयता का वरदान नहीं दिया था तो सभी प्रकार के माफिया के एकजुट क्यों नहीं हो जाना  हो जाना चाहिए। सांकेतिक ही सही हम वहां फोकस करेंगे जहां कोई माफिया फल फूल रहा है।

 अब जबकि यह वरदान मिला हुआ दिखता है तो हमें शिक्षा माफिया पर लोगों से विचार आमंत्रित करना ही चाहिए कि कौन कहां कितने प्रकार का शिक्षा-माफिया, संपूर्ण शिक्षा व्यवस्था को लूटपाट करने का जरिया बना रखा है। वह चाहे आदिवासी विभाग का कोई तृतीय वर्ग कर्मचारी हो व चाहे वर्षों से बैठा हुआ शिक्षा का माफिया हो अथवा उच्च शिक्षा व्यवस्था में माफियानुमा बैठा हुआ काकश जो तमाम गैर कानूनी तरीके से अपनी पैठ बनाकर शैक्षणिक व्यवस्था को तहस-नहस कर रहा है। अथवा ऐसे सिस्टम को जन्म दे रहा है जहां गुलामी मानसिकता का आदमी अनुवांशिक रूप से पैदा हो सके। तो यही अवसर है, चिन्हित करिए कि कहां कैसा और किस प्रकार का शिक्षा माफिया शहडोल क्षेत्र की शिक्षा व्यवस्था में बिल्डिंग माफिया, सप्लायर माफिया अथवा ट्रांसफर माफिया बनकर सफलता से सिर्फ इस योग्यता से कि वह चरण वंदन करना जानता है इसके लिए ना हिंदू होने की जरूरत है ना मुसलमान ना राम राज्य की जरूरत है ना अल्लाह राज्य की ...? 


सिर्फ माफिया राज का सिस्टम स्थापित कर संपूर्ण व्यवस्था को चट कर जाते हैं ।तो देखना होगा जब हमारे विधायकों को और सांसद को जीतेजागते नहीं देखता.... कि कहां शिक्षा व्यवस्था में माफिया काम कर रहा है, क्या जनता ईमानदार कार्यपालिका होने का लाभ उठा पाती है .....? अन्यथा हम तो बता ही चुके हैं कि शिक्षा माफिया कौन हैं...? क्या उस पर कार्रवाई भी उतने ही छापामार शैली पर होगी जितने की हाल में खनिज माफिया पर हुई...?


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