भदवाही गांव में भी चल रहा है रामराज
मजदूरी करा लेने के बाद श्रमिकों का नाम मस्टररोल में दर्ज नहीं किया
शहडोल जिले के गोहपारू जनपद में ग्राम पंचायत भदवाही के सहायक सचिव और सब इंजीनियर की भ्रष्टाचार से त्रस्त है 50 से ज्यादा मजदूरों ने आज शहडोल मुख्यालय में पहुंचकर उच्चाधिकारियों से इस आशय की शिकायत की है कि उन्होंने लघु तालाब निर्माण कार्य बेलिया में जो कराए गए हैं उसमें मजदूरी करा लेने के बाद श्रमिकों का नाम मस्टररोल में दर्ज नहीं किया है और फर्जी नाम दर्ज करके मजदूरी की राशि का बंदरबांट कर रहे हैं। नाम दर्ज नहीं किए जाने से उनके
अधिकारों का और श्रम का शोषण तो हो ही रहा है साथ में खुली सौदेबाजी के तहत लघु तालाब योजना अथवा अन्य मनरेगा के कार्यों में खुली भ्रष्टाचार की बात की जाती है। जिससे स्थानीय ग्रामवासी श्रमिक परेशान और हैरान है कि जब शासन की मंशा श्रमिकों को उचित राशि दी जाने की है रोजगार दिए जाने का है तब उनका निचला तबका खुली भ्रष्टाचार की बात क्यों करता है....? इनके पीछे कहीं उच्च अधिकारियों का संरक्षण तो भ्रष्टाचार का कारण नहीं है...?
ग्राम बलिया में काम करने वाले शिवनारायण, हीरालाल, रामजी ,राम गुलाम, मिथिलेश, चंद्रबली, नांददाई, सुलोचना ,उमेश, दयाराम आदि करीब 50 लोगों ने हस्ताक्षर करके कलेक्टर शहडोल और जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी पार्थ जायसवाल को अपनी शिकायत दर्ज कराई है।
देखना होगा कि इतनी कई किलोमीटर दूर से 50 से ज्यादा मजदूर कोरोना कोविड 19 की परवाह किए बिना न्याय के भरोसे अगर उच्चाधिकारियों पास आए हैं तो क्या इनकी आंखें न्याय के लिए खुलेंगे और जिम्मेदार तक का दंडित होगा...?
मजदूरी करा लेने के बाद श्रमिकों का नाम मस्टररोल में दर्ज नहीं किया
शहडोल जिले के गोहपारू जनपद में ग्राम पंचायत भदवाही के सहायक सचिव और सब इंजीनियर की भ्रष्टाचार से त्रस्त है 50 से ज्यादा मजदूरों ने आज शहडोल मुख्यालय में पहुंचकर उच्चाधिकारियों से इस आशय की शिकायत की है कि उन्होंने लघु तालाब निर्माण कार्य बेलिया में जो कराए गए हैं उसमें मजदूरी करा लेने के बाद श्रमिकों का नाम मस्टररोल में दर्ज नहीं किया है और फर्जी नाम दर्ज करके मजदूरी की राशि का बंदरबांट कर रहे हैं। नाम दर्ज नहीं किए जाने से उनके
अधिकारों का और श्रम का शोषण तो हो ही रहा है साथ में खुली सौदेबाजी के तहत लघु तालाब योजना अथवा अन्य मनरेगा के कार्यों में खुली भ्रष्टाचार की बात की जाती है। जिससे स्थानीय ग्रामवासी श्रमिक परेशान और हैरान है कि जब शासन की मंशा श्रमिकों को उचित राशि दी जाने की है रोजगार दिए जाने का है तब उनका निचला तबका खुली भ्रष्टाचार की बात क्यों करता है....? इनके पीछे कहीं उच्च अधिकारियों का संरक्षण तो भ्रष्टाचार का कारण नहीं है...?
ग्राम बलिया में काम करने वाले शिवनारायण, हीरालाल, रामजी ,राम गुलाम, मिथिलेश, चंद्रबली, नांददाई, सुलोचना ,उमेश, दयाराम आदि करीब 50 लोगों ने हस्ताक्षर करके कलेक्टर शहडोल और जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी पार्थ जायसवाल को अपनी शिकायत दर्ज कराई है।
देखना होगा कि इतनी कई किलोमीटर दूर से 50 से ज्यादा मजदूर कोरोना कोविड 19 की परवाह किए बिना न्याय के भरोसे अगर उच्चाधिकारियों पास आए हैं तो क्या इनकी आंखें न्याय के लिए खुलेंगे और जिम्मेदार तक का दंडित होगा...?
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