भगवान भोजनाथ
जिन खोजा..., तिन पाइयां
तू ही आकार....
तेरा ही अंश....
जिन खोजा..., तिन पाइयां
तू ही आकार....
तू ही विकार.....
तू ही रचना......
तू ही रचनाकार.......
तेरे प्रदोष......
तेरे ही दोष......
तेरी ही माया.....
तू निराकार.......
तेरा ही अंश....
तेरे ही दंश......
तू अपरंपार......
तू ही दया......
तेरी ही कृपा......
तू ही श्रंगार..
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