लो लोकतंत्र बनाम माफिया तंत्र, भाग-4
शहडोल। "चंपक" के चाचा चौधरी से भी तेज दिमाग पर काम करने वाले नदी न्यास के अध्यक्ष कम्प्यूटर बाबा भठगवां खुर्द स्थित चूंदी नदी में हो रहे रेत के अवैध उत्खनन स्थल पर पहुुंचे, नदी से लगभग 100 मीटर दूर पर अवैध उत्खनन करने के लिए लाई गई मशीन को खड़ा किया गया था, कम्प्यूटर बाबा के कारवाही पर जयसिंहनगर थाने व राजस्व अमला भी पहुंचा कथित तौर पर खदान के अवैध संचालक कटनी का माफिया कोई नवाब है।पुलिस द्वारा कम्प्यूटर बाबा की शिकायत पर नदी के पास खड़ी मशीन तो जब्त करना बताया गया है।
प्रतीत होता है कि कंप्यूटर बाबा अपनी बाबागिरी की जानकारी से उस स्थल पर जा पहुंचे जहां शहडोल का खनिज कारवाही करने से भी घबराता था ।क्योंकि खनिज अधिकारी फरहत जहां, नवाब खान की नवाबी से शायद बहुत प्रभावित थी....?
ऐसा नहीं है कि शासन को इसकी जानकारी पहली बार हो रही है, पंचायत मंत्री कमलेश्वर सिंह की पत्रकार वार्ता में स्पष्ट तौर पर नवाब का नाम अवैध खनिज माफिया के रूप में बताया गया था तब उन्होंने तंज कसे थी कि प्रदेश में एक ही नवाब है...? एक मंत्री के बाद दूसरी बार पुनः विशेष रुप से मुख्यमंत्री जी द्वारा निर्देशित "माफिया राज के खिलाफ पत्रकार वार्ता" का आयोजन जिला स्तर पर किया गया। जिस पर प्रभारी मंत्री ओमकार सिंह मरकाम ने अवैध काम करने वाले माफियाओं के खिलाफ पत्रकार वार्ता के जरिए श्रीगणेश करने की बात कही थी। प्रभारी मंत्री आए और चले भी गए किंतु शायद कंप्यूटर बाबा का दिमाग चाचा चौधरी की तरह तेज चला ....और वे रास्ते में पड़ने वाले नवाब की नवाबी को टटोलने के लिए अवैध रेत खदान में जा धमके तथा पोकलेन को जप्त कराकर के माफिया के खिलाफ श्री गणेश करने का काम किया ।
देखना होगा कि अचानक उभरे शहडोल में नए माफिया नवाब पर कितनी नकेल कसी जाती है...., यह अलग बात है की नवाब की नवाबी तो अभी हाल में जन्मी है व्यवहारी थाना क्षेत्र में बीते 15 सालों में माफियाओं का विशेषकर रेत माफिया का स्वर्ग बन गया है... और इन माफियाओं के खिलाफ तब तत्कालिक कांग्रेस नेता शरद कोल ने जमकर हमला बोला था फिर भाजपा से चुनाव लड़ कर विधायक भी बने किंतु खनिज माफिया ने शायद शरद कोल की अहमियत को उसकी सीमा में बांध रखा है ....?जिस वजह से व्यवहारी थाना क्षेत्र में अवैध खनिज कारोबार व्यवहारी ही नहीं आसपास की पूरी राजनीति को ब्लैक मनी की सप्लाई भी करता है... और यही कारण है कि माफिया राज शहडोल में पूरी तरह से प्रशासन को अनदेखा करता है।
कंप्यूटर बाबा की छापामार शैली से खनिज माफिया और उसके नियंत्रण का
खनिज विभाग मैं हड़बड़ाहट मच गई है इसलिए मौके पर गये निरीक्षक प्रभात कुमार पट्टा ने बताया कि जानकारी मिलने के बाद हम पूरे अमले सहित मौके पर गये, अपुष्ट सूत्रों के अनुसार फिलहाल अभी राजस्व कर्मचारियों के साथ हम उत्खनन स्थल की जांच कर रहे हैं,
देखना होगा कि प्रशासन कंप्यूटर बाबाा की किस हद तक साथ देताा है.... क्योंकि अब यह बात तो खुल चुकी है की पोकलेन जैसी मशीनें अवैध रेत खनन के लिए गांव-गांव, जंगल-जंगल कहींं भी मिल सकती हैं। और फिलहाल तो कंप्यूटर बाबा अपनी बाबागिरी से समझौता करने से रहे …।
खनिज विभाग मैं हड़बड़ाहट मच गई है इसलिए मौके पर गये निरीक्षक प्रभात कुमार पट्टा ने बताया कि जानकारी मिलने के बाद हम पूरे अमले सहित मौके पर गये, अपुष्ट सूत्रों के अनुसार फिलहाल अभी राजस्व कर्मचारियों के साथ हम उत्खनन स्थल की जांच कर रहे हैं,
देखना होगा कि प्रशासन कंप्यूटर बाबाा की किस हद तक साथ देताा है.... क्योंकि अब यह बात तो खुल चुकी है की पोकलेन जैसी मशीनें अवैध रेत खनन के लिए गांव-गांव, जंगल-जंगल कहींं भी मिल सकती हैं। और फिलहाल तो कंप्यूटर बाबा अपनी बाबागिरी से समझौता करने से रहे …।
तो क्या अवैध उत्खनन की धाराओं के तहत होगी और उनके द्वारा पकड़ी पोकलेन को प्रशासन किस प्रकार से अवैध कार्य के लिए सिद्ध करेगा .....? बेहतर होता खनिज विभाग की खनिज अधिकारी पारदर्शी तरीके से जिले में खनिज कार्य में लगीी समस्त पोकलेन वाहनोंं को सार्वजनिक कर अपनाा पक्ष प्रस्तुत करती और पूर्व में पकड़े गए वाहनों पर भी एक प्रदर्शन देती अन्यथा कंप्यूटर बाबा का दिमाग फरहत जहांं के मुसीबत साबित हो सकता है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें