" व्हाट्सएप चैटिंग" में पकड़ा गया एक आरोपी..
* पुलिस कर रही है गहन छानबीन।
* जल्द ही दूध का दूध और पानी का पानी होने की संभावना।
* पकड़ा गया आरोपी कथित तौर पर अधिवक्ता..?
***शहडोल पुलिस ,भारत के केंद्र बिंदु में **
( त्रिलोकीनाथ )
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जनवरी मध्य में तथाकथित "शहडोल के कलेक्टर व डिप्टी कलेक्टर के बीच व्हाट्सएप चैटिंग" के मामले ने शहडोल ही नहीं, मध्यप्रदेश की राजनीति को; या थोड़ा और ऊपर जाएं देश की राजनीति को गर्म कर दिया था. कि "ऐसा भी होता है....?" बात आई-गई हो चुकी डिप्टी कलेक्टर पूजा तिवारी ने थाने में रिपोर्ट कर दी, कि कुछ गड़बड़ है, जांच की जाए ?
हालांकि शहडोल के तीनों विधानसभा सीट गवा चुकी कांग्रेस पार्टी ने चैटिंग के मामले को कुछ इस अंदाज में लिया की "भल मारे , मोही रोय का रहा.." यानी ठीक मारा मैं रोना ही चाहता था , क्योंकि 3-3 सीट हार चुकी कांग्रेस पार्टी ने अभी तक गुहार मार कर रोया नहीं था | यह मामला आते ही की कथित तौर पर कलेक्टर शहडोल ने षड्यंत्र करके भाजपा के पक्ष में विधानसभा चुनाव के लिए वातावरण बनाया व काम किया तथा इस कारण कांग्रेस चुनाव हार गई और एक नहीं कांग्रेस के एक ही गुट के दो टुकड़ों ने अलग-अलग पत्रकार वार्ता करके विंध्य-प्रदेश के हारे हुए नेता अजय सिंह के प्रति निष्ठा दिखाते हुए हार का ठीकरा कलेक्टर शहडोल के सिर पर फोड़ना चाहा ,किंतु सांच को आंच क्या के अंदाज पर शहडोल का प्रशासन सकपकाया जरूर था और अपने आत्मविश्वास को जताते हुए उसने रिपोर्ट भी कर दिया था, कि हां गड़बड़ हुआ है... किंतु यह व्हाट्सएप मैसेज कोई फेक न्यूज़ है..? और एक अखबार के अनुसार 26 जनवरी को सुखद खबर उड़ी की व्हाट्सएप चैटिंग का मामला एक फेक न्यूज़ थी..? जिस पर जांच चल रही है और शहडोल प्रशासन को क्लीन चिट मिल चुकी है |
अपन तो नहीं जानते अंदर की क्या बात है, तो अखबार की माने तो विश्वास झूठा ही सही करना ही चाहिए.. आज उसी खबर को आगे बढ़ाते हुए दबे पांव यह खबर आई कि करीब दो-तीन दिन पहले एक व्यक्ति को पुलिस ने गिरफ्तार कर चैटिंग मामले की जांच कर रहे हैं.. कहा तो यह भी जा रहा है . जिसे शहडोल पुलिस ने पकड़ कर रखा है वह एक कानूनविद भी है.. तो क्या एक कानून अधिवक्ता, गैर कानूनी कार्य कर रहा था...?, ज्यादा खुली बातें सामने तो नहीं आए किंतु उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही पूरे मामले का खुलासा शहडोल पुलिस कर देगी.
बताते चलें की 18 जनवरी को चर्चा में आया यह पूरा घटनाक्रम 28 जनवरी तक कुछ पिक्चर यानी षड्यंत्र को साफ करता दिखाई दे रहा है. यह इसलिए भी जरूरी है क्योंकि शहडोल पुलिस एक नजर से देखा जाए तो पूरे भारत के केंद्र बिंदु में है, जो अफवाह ब्रिटेन में बैठकर सैयद सूजा ने बकायदा पत्रकार वार्ता करके दवा ठोकते हुए उसे सही ठहराने का काम किया कि भारत की ईवीएम मशीन को हैक किया...? और चुनाव को प्रभावित करने का दावा भी किया, उसने तो यह भी दावा किया कि इस मामले से जुड़े हुए करीब 9- 10 लोगों की भारत में हत्या भी हो गई है..?
तो अगर तथाकथित "शहडोल के कलेक्टर व डिप्टी कलेक्टर के बीच व्हाट्सएप चैटिंग"मामला किसी सच्चाई की धरातल को छूता भी है तो यह ब्रिटेन में सैयद सूजा की पत्रकार वार्ता को प्रमाणित करेगा.. इसलिए भी इस चैटिंग की बाल की खाल निकालते हुए शहडोल की पुलिस को स्वयं को अपनी क्षमता के साथ प्रमाणित करने का काम करना होगा. देखना होगा कि देश के लोकतंत्र के चौकीदारी की जिम्मेदारी अगर शहडोल की पुलिस को मिली है तो वह कितने सफलता के साथ अंजाम को आगाज दे पाती है फिलहाल तो सूत्र. मिले हैं..?
समझा जाना चाहिए, ईश्वर यह भी करें कि; यह फेक न्यूज़ साबित हो.
* पुलिस कर रही है गहन छानबीन।
* जल्द ही दूध का दूध और पानी का पानी होने की संभावना।
* पकड़ा गया आरोपी कथित तौर पर अधिवक्ता..?
***शहडोल पुलिस ,भारत के केंद्र बिंदु में **
( त्रिलोकीनाथ )
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जनवरी मध्य में तथाकथित "शहडोल के कलेक्टर व डिप्टी कलेक्टर के बीच व्हाट्सएप चैटिंग" के मामले ने शहडोल ही नहीं, मध्यप्रदेश की राजनीति को; या थोड़ा और ऊपर जाएं देश की राजनीति को गर्म कर दिया था. कि "ऐसा भी होता है....?" बात आई-गई हो चुकी डिप्टी कलेक्टर पूजा तिवारी ने थाने में रिपोर्ट कर दी, कि कुछ गड़बड़ है, जांच की जाए ?
हालांकि शहडोल के तीनों विधानसभा सीट गवा चुकी कांग्रेस पार्टी ने चैटिंग के मामले को कुछ इस अंदाज में लिया की "भल मारे , मोही रोय का रहा.." यानी ठीक मारा मैं रोना ही चाहता था , क्योंकि 3-3 सीट हार चुकी कांग्रेस पार्टी ने अभी तक गुहार मार कर रोया नहीं था | यह मामला आते ही की कथित तौर पर कलेक्टर शहडोल ने षड्यंत्र करके भाजपा के पक्ष में विधानसभा चुनाव के लिए वातावरण बनाया व काम किया तथा इस कारण कांग्रेस चुनाव हार गई और एक नहीं कांग्रेस के एक ही गुट के दो टुकड़ों ने अलग-अलग पत्रकार वार्ता करके विंध्य-प्रदेश के हारे हुए नेता अजय सिंह के प्रति निष्ठा दिखाते हुए हार का ठीकरा कलेक्टर शहडोल के सिर पर फोड़ना चाहा ,किंतु सांच को आंच क्या के अंदाज पर शहडोल का प्रशासन सकपकाया जरूर था और अपने आत्मविश्वास को जताते हुए उसने रिपोर्ट भी कर दिया था, कि हां गड़बड़ हुआ है... किंतु यह व्हाट्सएप मैसेज कोई फेक न्यूज़ है..? और एक अखबार के अनुसार 26 जनवरी को सुखद खबर उड़ी की व्हाट्सएप चैटिंग का मामला एक फेक न्यूज़ थी..? जिस पर जांच चल रही है और शहडोल प्रशासन को क्लीन चिट मिल चुकी है |
अपन तो नहीं जानते अंदर की क्या बात है, तो अखबार की माने तो विश्वास झूठा ही सही करना ही चाहिए.. आज उसी खबर को आगे बढ़ाते हुए दबे पांव यह खबर आई कि करीब दो-तीन दिन पहले एक व्यक्ति को पुलिस ने गिरफ्तार कर चैटिंग मामले की जांच कर रहे हैं.. कहा तो यह भी जा रहा है . जिसे शहडोल पुलिस ने पकड़ कर रखा है वह एक कानूनविद भी है.. तो क्या एक कानून अधिवक्ता, गैर कानूनी कार्य कर रहा था...?, ज्यादा खुली बातें सामने तो नहीं आए किंतु उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही पूरे मामले का खुलासा शहडोल पुलिस कर देगी.
बताते चलें की 18 जनवरी को चर्चा में आया यह पूरा घटनाक्रम 28 जनवरी तक कुछ पिक्चर यानी षड्यंत्र को साफ करता दिखाई दे रहा है. यह इसलिए भी जरूरी है क्योंकि शहडोल पुलिस एक नजर से देखा जाए तो पूरे भारत के केंद्र बिंदु में है, जो अफवाह ब्रिटेन में बैठकर सैयद सूजा ने बकायदा पत्रकार वार्ता करके दवा ठोकते हुए उसे सही ठहराने का काम किया कि भारत की ईवीएम मशीन को हैक किया...? और चुनाव को प्रभावित करने का दावा भी किया, उसने तो यह भी दावा किया कि इस मामले से जुड़े हुए करीब 9- 10 लोगों की भारत में हत्या भी हो गई है..?
तो अगर तथाकथित "शहडोल के कलेक्टर व डिप्टी कलेक्टर के बीच व्हाट्सएप चैटिंग"मामला किसी सच्चाई की धरातल को छूता भी है तो यह ब्रिटेन में सैयद सूजा की पत्रकार वार्ता को प्रमाणित करेगा.. इसलिए भी इस चैटिंग की बाल की खाल निकालते हुए शहडोल की पुलिस को स्वयं को अपनी क्षमता के साथ प्रमाणित करने का काम करना होगा. देखना होगा कि देश के लोकतंत्र के चौकीदारी की जिम्मेदारी अगर शहडोल की पुलिस को मिली है तो वह कितने सफलता के साथ अंजाम को आगाज दे पाती है फिलहाल तो सूत्र. मिले हैं..?
समझा जाना चाहिए, ईश्वर यह भी करें कि; यह फेक न्यूज़ साबित हो.
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