रविवार, 27 जनवरी 2019

रद्द हुया राज्यपाल का कार्यक्रम, आनंदी बेन पटेल से जुड़ी कुछ खास बाते जानिए......

              । रद्द हुया राज्यपाल का कार्यक्रम ।

  • किन्ही कारण से रद्द हुया राज्यपाल का कार्यक्रम। 
  • आने वाली थी शहडोल। 
  • मनानीया आनंदी बेन पटेल का था प्रथम नगर आगमन।
  • 700 लड़कों के बीच वे अकेले लड़की थीं 
  • विद्यालीय शिक्षा के दौरान एथलेटिक्स में उत्कृष्ट उपलब्धि के लिए उन्हें "बीर वाला" पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
  •   IGNTU और शहडोल मे था कार्यक्रम।               

                                    आनंदी बेन पटेल से जुड़ी कुछ खास बाते 

आनंदीबेन पटेल का जन्म मेहसाणा जिले के विजापुर तालुका के खरोद गांव में, 21 नवम्बर 1941 को एक पाटीदार परिवार में हुआ था। उनका पूरा नाम आनंदी बेन जेठाभाई पटेल है। उनके पिता जेठाभाई पटेल एक गांधीवादी नेता थे। उन्हें कई बार लोगों ने गाँव से निकाल दिया था क्योंकि वह ऊंच-नीच और जातीय भेदभाव को मिटाने की बात करते थे। आनंदी के ऊपर अपने पिता का भरपूर प्रभाव पड़ा। उनके आदर्श भी उनके पिता हीं हैं। उस समय जब कोई लड़कियों को स्कूल नहीं भेजता था उन्होंने मम्मी को हमेशा पढ़ने के लिए प्रोत्साहन दिया। उन्हीं की तरह आनंदीबेन भी किसी में भेदभाव नहीं रखती और पैसे खाने वाले और चापलूस लोगों को अपने करीब नहीं आने देतीं। उन्होंने कन्या विद्यालय में चतुर्थ कक्षा तक की पढ़ाई की। तत्पश्चात उन्हें आगे की पढ़ाई के लिए ब्याज स्कूल में भर्ती कराया गया, जहां 700 लड़कों के बीच वे अकेले लड़की थीं। आठवीं कक्षा में उनका दाखिला विसनगर के नूतन सर्व विद्यालय में कराया गया। विद्यालीय शिक्षा के दौरान एथलेटिक्स में उत्कृष्ट उपलब्धि के लिए उन्हें "बीर वाला" पुरस्कार से सम्मानित किया गया। वर्ष 1960 में उन्होंने विसनगर के भीलवाई कॉलेज में प्रवेश लिया, जहां पूरे कॉलेज में प्रथम वर्ष विज्ञान में वे एकमात्र लड़की थी। उन्होंने यहाँ से विज्ञान स्नातक की पढ़ाई पूरी की। स्नातक करने के बाद उन्होने पहली नौकरी के रूप में महिलाओं के उत्थान के लिए संचालित महिला विकास गृह में शामिल हो गईं, जहां उन्होने 50 से अधिक विधवाओं के लिए व्यावसायिक पाठ्यक्रमों की शुरुआत की। वे अपने पति मफ़तलाल पटेल के साथ 1965 में अहमदाबाद आ गईं, जहां उन्होने विज्ञान विषय के साथ स्नातकोत्तर की पढ़ाई पूरी की। शिक्षा क्षेत्र में अभिरुचि के कारण उन्होने यही से एम॰एड॰ की भी पढ़ाई पूरी की और 1970 में प्राथमिक शिक्षक के रूप में अहमदाबाद के मोहनीबा कन्या विद्यालय में अध्यापन कार्य में संलग्न हो गईं। वे इस विद्यालय की पूर्व प्रधानाचार्या रह चुकी हैं।
                                                                                                                          Source: wikipedia
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