गुरुवार, 23 दिसंबर 2021

एक संस्मरण: शैलेंद्र

समर्पण की यात्रा


(शैलेंद्र श्रीवास्तव)

10 दिसंबर को सुबह लगभग 10:30 पर एक सज्जन जिनकी उम्र लगभग 30 वर्ष के आस पास लग रही थी, सफ़ेद वस्त्र धारण किए हुए पीठ पर एक भारी सा बैग और हाथ में एक डंडी लिए हुए, कॉलेज चौराहा बुढार के पास पैदल आगे बढ़ते हुए दिखाई पड़े, थोड़ा देर के लिए मेरा ध्यान उन पर गया पर कुछ ही समय बाद, बात दिमाग से निकल गई । दोपहर को अचानक मेरा शहडोल जाना हुआ, मेरे साथ अजय कुशवाहा जी भी थे, लगभग 3:30 बजे वही सज्जन मुझे बुढार शहडोल के बीच नेशनल हाईवे पर कंचनपुर के पास फिर पैदल यात्रा करते हुए दिखाई पड़े, मैं और अजय जी कुछ आगे बढ़ गए, पर हमसे रहा न गया, और हम लौट कर उनके पास वापस आए। मैंने उनसे पूछा महाराज आप कौन हैं और कहां जा रहे हैं ?

उन्होंने बताया कि वे रामकृष्ण मिशन कोलकाता से जुड़े हुए एक सन्यासी हैं, जो अमरकंटक दर्शन के लिए गए थे जहां से उन्हें काशी विश्वनाथ के दर्शन के लिए बनारस जाना था और अचानक उनका मन पैदल ही जाने को हो गया और वह 8 तारीख को अमरकंटक से नर्मदा जल लेकर काशी विश्वनाथ जी का अभिषेक करने के संकल्प के साथ बनारस के लिए पैदल ही निकल पड़े। उन्होंने बताया कि 10 तारीख को सुबह 8:00 बजे वे देवहरा से चले थे, उन्होंने हमसे पूछा कि शहडोल में विश्राम के लिए कोई मंदिर या आश्रम बताएं, हमने उन्हें रास्ते में ही पढ़ने वाले विराट मंदिर के बारे में बताया, जिसके बाद वे फिर आगे की यात्रा के लिए बढ़ गए। 


शाम को मैं और अजय जी अपने काम निपटाने के बाद उनकी ही चर्चा करते हुए शहडोल से वापस लौट रहे थे, लगभग 6:00 बजे वे हमें फिर शहडोल बाईपास पर हुंडई शोरूम के सामने मिले। उन्हें देखकर हम फिर रुक गए उनका दृढ़ संकल्प एवं आत्मविश्वास देखकर हमसे रहा ना गया, मैं और अजय जी गाड़ी से उतर कर उनके चरण स्पर्श करने के लिए उनके पास पहुंचे, उन्होंने चरण स्पर्श करने से हमें मना किया, हमने उनके साथ एक फोटो लेने की भी इच्छा जताई पहले तो उन्होंने मना किया फिर बड़ी मुश्किल से केवल एक फोटो के लिए तैयार हुए जो मैं आपके साथ शेयर कर रहा हूं। 

शाम को जब हमारी मुलाकात उनसे हुई उनके पैर थक चुके थे और बहुत धीरे-धीरे वे आगे की ओर बढ़ रहे थे, पर उनका दृढ़ संकल्प और आत्मविश्वास उतना ही मजबूत था जितना कि सुबह ....... गर्मी ठंडी बरसात, डर भय, लाभ हानि, भूख प्यास से परे उन्हें देखकर मन को एक अलग शांति का अहसास हुआ।

( संस्मरण , शैलेंद्र श्रीवास्तव जिला भाजपा मीडिया प्रमुख से प्राप्त हुआ )



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