पंचायत चुनाव
निरस्त नहीं होंगे: आयुक्त
केवल ओबीसी आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा दी गई व्यवस्था का पालन किया जाएगा
राज्य निर्वाचन आयुक्त बीपी सिंह का कहना है कि मध्यप्रदेश में पंचायत चुनाव निरस्त नहीं किए जाएंगे। केवल ओबीसी आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा दी गई व्यवस्था का पालन किया जाएगा। प्रदेश में बाकी वर्गों के पदों के लिए चुनाव प्रक्रिया जारी रहेगी।
आयोग इस मसले पर विधिक परामर्श भी ले रहा है
सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद अब पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए आरक्षित ओबीसी श्रेणी के तेरह पदों को सामान्य घोषित करने अधिसूचना जारी करेगी। इसके बाद नए आरक्षण के हिसाब से इन पदों के लिए नामांकन जमा कराए जाएंगे। नई प्रक्रिया में एस- एसटी के लिए 22 पद होंगे बाकी शेष तीस पद सामान्य होंगे।
मध्यप्रदेश में अन्यपिछड़ा वर्ग की सीटें सामान्य करने के साथ-साथ पंचायत चुनाव की प्रक्रिया जारी रहेगी। पंचायत चुनाव के लिए अब केवल एससी-एसटी आरक्षण रहेगा। शेष पद अनारक्षित होंगे। जिला पंचायत सदस्य, जनपद पंचायत सदस्य और ग्राम पंचायत के पंच और सरपंच के लिए यह व्यवस्था लागू होगी।
75 हजार पदों के लिए दोबारा होगी चुनाव प्रक्रिया
पंचायत चुनावों में ओबीसी आरक्षण समाप्त होंने के बाद पंच, सरपंच, जिला और जनपद पंचायतसदस्य के करीब 75 हजार पदों के आरक्षण के लिए नये सिरे से प्रक्रिया होगी। इन पदों के लिए नामांकन भी अब अनारक्षित के हिसाब से लिए जाएंगे। जो लोग ओबीसी आरक्षित पदों के हिसाब से नामांकन भर चुके है उन्हें दोबारा नये सिरे से नामांकन जमा कराना होगा। इस मसले पर राज्य निर्वाचन आयोग ने अफसरों की बैठक बुलाई। इसमें ओबीसी से सामान्य हुई पंचायतों में चुनाव की नई रणनीति तय की जा रही है। 2014 के आरक्षण और परिसीमन के हिसाब से हो रही चुनाव प्रक्रिया पर चर्चा की जा रही है। वहीं तीन जनवरी को हाईकोर्ट में होने वाली सुनवाई में संवैधानिक प्रक्रिया के उल्लंघन के बारे में विधि विशेषज्ञों से राय ली जा रही है।
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