ईद की चांद की तरह
निकला
पुरातत्व विभाग, अमरकंटक में
युवाओं को संभाग की ऐतिहासिक पृष्ठ भूमि से रूबरू कराया जाएगा- कमिश्नर
शहडोल 19 नवम्बर 2021- शहडोल संभाग में ईद की चांद की तरह पुरातत्व विभाग अमरकंटक में प्रगट हुआ है उन्होंने अपने बजट का कुछ पैसा सार्वजनिक प्रदर्शन के लिए फोटोग्राफ प्रदर्शनी के रूप में खर्च भी किया है इस अवसर पर कमिश्नर शहडोल संभाग राजीव शर्मा ने कहा है कि शहडेाल संभाग में कई प्राचीनतम स्थल है जिनकी समृद्ध ऐतिहासिक पृष्ठ भूमि रही है, किन्तु युवाओं को शहडोल संभाग की ऐतिहासिक पृष्ठ भूमि की जानकारी काफी कम है।
उन्होंने कहा कि शहडोल संभाग के युवाओं को शहडोल संभाग की ऐतिहासिक पृष्ठ भूमि एवं सांस्कृतिक पृष्ठ भूमि से रूबरू कराने के लिए शहडेाल संभाग मे विशेष कार्यक्रम चलाया जाएगा। उन्होंने कहा है कि नर्मदा नदी का उद्गम स्थल अमरकंटक विश्व की अति प्राचीनतम धरोहर है, नर्मदा क्षेत्र की जैव विविधता सम्पन्न एवं संबृद्व है, इसकी जानकारी युवाओं को होना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत के ऋषि मुनियों ने जो धरोहर दिये है वो सब विश्व धरोहर है। कमिश्नर ने कहा कि हमारे ऋषि मुनि उच्च स्तरीय वैज्ञानिक, अर्थशास्त्री और इंजीनियरिंग के उच्च विशेषज्ञ थें, उन्हें हर कार्य में विशेषज्ञता हासिल थी। अंक्रांताओं ने तक्षशिला, नालंदा जैसे विष्वविद्यालयों को ही नष्ट नही किया बल्कि हमारी विषेषज्ञताओं से युक्त पूरी पीढ़ी को ही नष्ट कर दिया।
कमिश्नर शहडोल संभाग राजीव शर्मा आज अमरकंटक में पुरातत्व विभाग द्वारा विश्व धरोहर सप्ताह के अंतर्गत आयोजित चित्र प्रदर्षनी के शुभारंभ अवसर पर सम्बोंधित कर रहे थें। समारोह में अधीक्षण पुरातत्वविद जबलपुर मंडल डॉ. षिवाकांत बाजपेयी, प्रोफेसर इंदिरा गांधी जनजातीय विष्वविद्यालय डॉ. अलोक श्रोती, इतिहासयज्ञ डॉ. मोहन लाल चढार, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व पुष्पराजगढ़ सहित विद्यार्थी उपस्थित थें।
उन्होंने कहा कि, ऐतिहासिक स्थल धौलवीरा में दुनिया का सबसे पुराना विज्ञापन पटल प्राप्त हुआ है, स्टेडियम प्राप्त हुआ, वाटर फिल्टर, वाश वेशिंग प्राप्त हुआ है जो हमारी सभ्यता और विशेषज्ञता को रेखांकित करता है। उन्होंने कहा कि, हमारे देश के लोग इसका उपयोग हजारो साल पहले करते थे। कमिश्नर ने कहा कि हमारी विरासत ऐतिहासिक विरासत युवाओं तक पहुंचना चाहिए, इस दिशा मे सभी को एकजुट होकर कार्य करने की आवश्यकता है। समारोह को सम्बोंधित करते हुए अधीक्षण पुरातत्वविद जबलपुर मंडल डॉ. शिवाकांत बाजपेयी ने कहा कि, विश्व धरोहरों को बचाना चुनौती है। उन्होंने कहा कि स्थानीय ऐतिहासिक धरोहरों की जानकारी बच्चों को होना चाहिए हमें अमरकंटक के मंदिरों के संबंध में जानना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में ऐतिहासिक छितिज व्यापक है, भूगोल के साथ हमारी इतिहास भी यात्रा करती है, ऐतिहासिक विरासतों को संरक्षित करना हम सभी का दायित्व हैं। समारोह को प्रोफेसर अलोक श्रोती, डॉ जनार्दन, डॉ. मोहनलाल चढार ने भी सम्बोंधित किया।
इस अवसर पर कमिश्नर शहडोल संभाग श्री राजीव शर्मा ने विश्व धरोहरों की ऐतिहासिक छायाचित्रों की प्रदर्शनी का भी शुभारंभ किया।
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