रविवार, 10 अक्तूबर 2021

बुकिंग सेंटर क्यों बनता है जिला चिकित्सालय

 बुकिंग सेंटर क्यों बनता है

 जिला चिकित्सालय...?


अपने-अपने देवता,

अपना-अपना देवांता

शहडोल का देवता देवांता हॉस्पिटल अब एक ब्रांड बन गया है जहां प्रशासन की मंशा पवित्र होकर अपना असर दिखाती प्रमाणित होती है कि अगर चिकित्सा के आड़ में ब्लैक मेलिंग करोगे तो पकड़े जाओगे और फिर उसमें गुंजाइश कम होगी किंतु यह बात पिछड़ी जनजाति बैगा समाज के गरीब आदिवासियों के हित में लागू होती जिला अस्पताल मैं प्रमाणित नहीं होती दिखती है हाल में एक महिला का वीडियो वायरल हुआ है जिसमें बैगा समाज की महिलाएं एक प्राइवेट पर्ची


दिखाती हैं की दवाई डॉक्टर साहब ने मंगाया है बाहर से और ₹6000 भी मांगा है ताकि उनके पति का ऑपरेशन हो सके सवाल यह है क्या डॉक्टर जेल गया और अगर नहीं गया, तो देवांता हॉस्पिटल के अब तक देवता बने लोगों का क्या अपराध था..., लूटखसूट ही तो कर रहे थे? ऐसे में कुछ मौतें तो हो ही जाती है...? जो अक्सर चिकित्सा में कारोबार में लगे किसी भी कारोबारी के हाथ से होता रहता है जैसा कि भारतीय संसद ने ऑक्सीजन की कमी से मौत ना होने पर ठप्पा लगाया है शायद यही मंशा प्रमाणित होती है.. अगर बैगा महिलाओं के अपराधी बाहर घूम रहे हैं तो तो देखते चलिए इस पर्ची में किसकी हैंडराइटिंग है और किसी के साथ है वह पूछ सके भैया ₹6000 मांग रहे थे क्या उसके खिलाफ f.i.r. होती है यह भी देखने की बात होगी। जो अक्सर ज्यादा कदा जिला अस्पताल को बुकिंग सेंटर बनाकर प्राइवेट हॉस्पिटलों में भीड़ डाइवर्ट की जाती है। और यह हालात तब हैं जब देवांता हॉस्पिटल प्रशासन की कड़ी निगरानी उदाहरण बनााा हुआ है। 

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