पंडित नेहरू को अपमानित न किया जाए: संजय राउत
ब्राह्मणों को अपमानित करने पर
मुख्यमंत्री के पिता के खिलाफ हुई एफ आई आर दर्ज ....क्योंकि लोकतंत्र जिंदा है।
(त्रिलोकीनाथ)
जिस प्रकार 21वीं सदी भारत के लोकतंत्र में शिक्षा मंत्रालय के अधीन कार्यरत एक परिषद ने भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू को अपमानित करने के उद्देश्य हीरक जयंती का पोस्टर बनाया है और लगातार सत्ता के नशे में पंडित नेहरू हो या गांधी परिवार, उन्हें लगातार अपने निजी हितों के लिए जलील और अपमानित करने का काम होता रहा है।
उसी प्रकार आदतन छत्तीसगढ़ शासन के कांग्रेस के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पिता नंद कुमार बघेल अपनी निजी नफरत के कारण गाहे-बगाहे सार्वजनिक रूप से ब्राह्मणों का अपमान करते रहे हैं। इससे प्रभावित होकर ब्राह्मण समुदाय ने मुख्यमंत्री बघेल के पिता नंद कुमार बघेल के खिलाफ एफ आई आर दर्ज कराई है जिसेएक थाने में दर्ज भी किया है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जिस भावना का प्रगटीकरण किया है वह सच्चे लोकतंत्र को प्रदर्शित करता है।
भारत के संविधान में नफरत और हिंसावादी विचारधारा की भी कोई जगह नहीं होनी चाहिए यही लोकतंत्र में अभिव्यक्ति की आजादी का व्यक्तिगत जिम्मेदारी है। कि आप भलाई मुख्यमंत्री के पिता हो अगर अपराध करोगे अभिव्यक्ति दोगे तो कानून अपना काम करेगा। किंतु इस प्रकार की किसी भी प्रकार की आचार संहिता केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के अधीन कार्यरत परिषद द्वारा प्रदर्शित नहीं किए जाने पर के खिलाफ शिवसेना के संजय राउत ने कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर करी है।
इन दोनों विषयों को दैनिक जनसत्ता ने मुखरता से उठाया है तो दूसरी तरफ मुख्यमंत्री बघेल ने लोकतंत्र जिंदा होने का मिसाल भी पेश किया है ऐसे नेताओं के होते हुए लोकतंत्र के विनाश के सभी प्रयास निरर्थक साबित होते रहेंगे यही भारतीय लोकतंत्र के अनेकता में एकता को प्रमाणित करता रहेगा।
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