संक्रमितों का दायरा दो करोड़ तक फैला
भारत में चार लाख से ज्यादा कोरोना संक्रमित हुए इस हफ्ता
शहडोल संभाग में संक्रमण की रफ्तार ने मचाया हड़कंप
(त्रिलोकीनाथ)
दो करोड़ से ज्यादा दुनिया की आबादी कोविड-19 के संक्रमण के दायरे में आ पहुंची है। तो चीन जोकि कोविड-19 की इस महामारी का जन्मदाता है, दुनिया की सूची में फिलहाल 30वां स्थान पर है जल्दी 33 में स्थान पर चला जाएगा। स्वीडन और इजराइल को पीछे करके।
सूची में अगर चीन की संक्रमित व्यक्तियों की करीब 84 हजार संख्या को पैरामीटर माने तोभारत के अंदर 25 चीन संक्रमित आंकड़े बन चुके हैं। अकेले महाराष्ट्र में 6, तमिलनाडु में 3 आंध्र और कर्नाटक में ढाई ढाई चीन दिल्ली और यूपी में डेढ़ तथा पश्चिमबंगाल, बिहार व तेलंगाना में 1-1 चीन अपनी जड़े जमा चुका है।
भारत की तस्वीर कुछ इस तरह है.....
सबसे ज्यादा दुखद खबर महाराष्ट्र से है जहां 24 मरीज स्वस्थ होने के बाद वापस चिकित्सालयों में आए हैं और अन्य परेशानियों से जूझ रहे हैं। बहरहाल मध्यप्रदेश में करीब 40 हजार करीब व्यक्तियों का संक्रमण हो चुका है। एक हजार के करीब लोग मौत के शिकार हो गए हैं । रीवा संभाग में करीब एक हजार और शहडोल संभाग में सवा दो सौ से ज्यादा व्यक्ति संक्रमण के दायरे में फंस गए हैं। रीवा में अट्ठारह तो शहडोल क्षेत्र में दो व्यक्ति की मृत्यु भी हो चुकी है यह जानकारी वर्ल्डोमीटर और कोविड-19 ट्रैकर से मिली गई है।
इधर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज कोरोना बीमारी की कथित स्वास्थ्य लाभ के बाद सामने आए हैं ।और नई व्यवस्था में उन्होंने कहा हैबिना लक्षण वाले ऐसे मरीज जिनके घर में इसके लिए व्यवस्था है तथा जो घर पर ही रहना चाहते हैं, वे घर में ही आइसोलेट हो सकते हैं| मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उनके ‘होम आइसोलेशन’ के दौरान उनके उपचार एवं देखभाल की मॉनीटरिंग की अच्छी व्यवस्था बनाने के निर्देश दिए। इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग को गाइड लाइन तैयार कर प्रत्येक जिले को भेजने के निर्देश दिए हैं|
मुख्यमंत्री श्री चौहान वीडियो कान्फ्रेंस द्वारा प्रदेश में कोविड-19 की स्थिति और व्यवस्थाओं की समीक्षा कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा है कि चूंकि अब कस्बों एवं गांवों में भी कोरोना संक्रमण हो रहा है अत: जिलों की ही तरह सब डिविजन स्तर पर भी क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप बनाए जाएं, जो वहां की परिस्थितियों के अनुरूप कोरोना नियंत्रण का कार्य करें। मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस ने बताया कि इस संबंध में जिलों को विस्तृत निर्देश जारी कर दिए हैं।
जबकि शहडोल के स्थानीय सूत्रों के अनुसार कोरोना वायरस का कहर शहडोल में फैलाओ के अंदाज पर है अधिकारियों के साथ नागरिकों पर भी इसका फैलाव संक्रमण अचानक बड़ा है
एक सूत्र बताते हैं जिले में कोरोना का तांडव जारी है। देर रात 10 और पॉजीटीव मिले। इस तरह कल एक दिन में कुल 18 पॉजीटीव मिले। अब तक एक दिन में मिले संक्रमितों में से यह संख्या सबसे अधिक है। 10 नये मामलों में 6 बुढ़ार के अलग अलग इलाकों के है। 3 शहडोल शहर के और 1 जयसिंहनगर में मिला है। ये सभी लोग या तो बाहर से आये है या फिर संक्रमित के संपर्क वाले हैं। कल एसपी कार्यालय के 8 कर्मचारी संक्रमित मिले थे। संक्रमितों की संख्या बढ़कर सवा सौ हो गयी है। एक्टिव केस 65 ठीक होने वाले 59 मरीजों से ज्यादा हो गए हैं। कोरोनो कि यह रफ्तार जिले के लिए खतरे की घंटी है। पुलिस और प्रशासन के लोग खुद इस बीमारी से जूझ रहे है। जांच रिपोर्ट मिलने में देरी से हालात बिगड़ रहे है। मेडिकल कॉलेज पर जांच को लेकर भारी दबाव है।एक अन्य सूत्र के अनुसार धनपुरी में २ पॉजिटिव निकले तथा कोरोना केंद्रीय चिकित्सालय तक पहुंचा कोरोना से एक चिकित्सक संक्रमित तथा दूसरे चिकित्सक की मां संक्रमित। सूत्रों के अनुसार केंद्रीय चिकित्सक के एक विभाग के प्रमुख चिकित्सक की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई है। जबकि दूसरे चिकित्सक की मां पॉजिटिव मिली है। चिकित्सक स्वयं पिछले कुछ दिनों से संक्रमण को लेकर आशंकित थे तथा उन्हें तेज बुखार भी था।चिकित्सक आरसी क्लब के पास रहते हैं। गौरतलब है कि चिकित्सक के संपर्कियों की सूची बहुत लंबी है और बताया जाता है कि वह हाल ही में बिलासपुर के एक चिकित्सालय भी गए थे। इनके साथ काम करने वाले चिकित्सकों के भी लगातार संपर्क में भी रहे हैं। प्रशासन एवं कॉलरी प्रशासन सक्रिय हो चुका है।
इस तरह इस रविवार शहडोल के लिए हालात बद से बदतर होते दिख रहे हैं जिला प्रशासन को विशेषज्ञों के साथ बैठकर नवाचार के अवसर खोजने चाहिए । परंपरागत चिकित्सा स्वास्थ्य प्रणाली के अलावा भारत के प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत की ओर कदम बढ़ाते हुए हैकथान जैसे प्रयोगों पर भी काम करते हुए स्थानीय लोकविद्याधन के धनीलोगो जानकार वेदों चिकित्सकों से परामर्श करने में सकारात्मक परिणाम आ सकते हैं। क्योंकि बिंध्य-मैंकल क्षेत्र जड़ी बूटी और गहन चमत्कारिक आयुर्वेद ज्ञान का भी भंडार है ।किंतु लोग ज्ञानियों को लगातार बीमारी के बाद से, गवार-जाहिल अथवा पिछड़ा आदिवासी मानकर चलना अब खतरनाक साबित हो रहा है। ऐसे ही लोग ज्ञानियों का सम्मानजनक तरीके से पंचायती राज व्यवस्था के माध्यम से उन्हें बीमारी की संपूर्ण तकनीकी जानकारी उनकी ही भाषा में बताते हुए चमत्कारी जड़ी बूटियों से निदान का रास्ता मांगना चाहिए।
जो अब तक सिर्फ ताली बजाने, थाली बजाने, दीप जलाने और सोशल डिस्टेंसिंग तक सीमित रहा है। बेहतर होगा लोकज्ञानियों को कम से कम स्वास्थ्य वा प्रतिरोधक क्षमता दवाओं के उपयोग के लिए प्रोत्साहित किया जाए।
क्योंकि विनम्रता से ही लोकज्ञानियों का ज्ञान हासिल हो सकता है। तानाशाही से सिर्फ शासन या प्रशासन ही चलता है। देखते हैं शहडोल जैसे अब तक सुरक्षित रहे संभाग में 3-3 कलेक्टर क्या कुछ नवाचार करने में अपनी योग्यता साबित कर पाते हैं। तब जबकि अब मुख्यमंत्री भी इस दिशा में स्वतंत्रता देने के पक्षधर दिखाई देते हैं.....।
भविष्य के 15 अगस्त की शुभतिथि के लिए बहुत शुभकामनाएं व बधाई।
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