उसी गाने के कुछ वाक्यांश का आप भी मनन करें और आनंद लें जो आज के परिवेश से हूबहू जुड़ रहा था तब जबकि अमीर अंबानी दुनिया का पांचवां बड़ा अमीर हो गया था
और गरीब भारत की जनता लगातार गरीब हो रही है ऐसे में महाभारत के 5 पांडवों का अवतार त्रेता युग के राम की उपासना के लिए अपने काल्पनिक मंदिर को आकार रूप देने के लिए पूजन कर रहे थे तो हम झूठ-मुठ में मान लें कि अयोध्या के रंगमंच में 5 लोग अमीर नायक हैं और भारत की करोड़ों जनता गरीब नायिका है फिर अमीर गरीब फिल्म के गाने का आनंद लें......."बैठ जा.... बैठ गयी
खड़ी हो जा.... खड़ी हो गई
घूम जा....... घूम गयी
झूम जा....... झूम गयी
मेरे बस में हो गयी..... हो गयी
तो जगी थी सो गयी..... सो गई...
वापस आजा....आ गयी राजा, आ गयी
मेरा जादू चल गया... चल गया
कल आया था....... कल गया
मै कौन हुं..?,
कैसे भूलू तुझको... तू तो हैं मेरी जान है..
वापस आजा..., आ गयी राजातेरी मेरी प्रीत हैं..... प्रीत हैं
प्रीत की रीत निभाएगी
जवाब दे... निभाऊंगी...."
कोरोना के राम.., तुझे सत सत प्रणाम
भारतीय वोट बैंक वर्तमान सत्ता के लिए सिर्फ एक प्रोडक्ट है अगर प्रोडक्ट चल गया किसी भी जादू से चल जाए तो बाजार पैदा करने में किस को परेशानी है धर्म का बाजार, राम का बाजार, रहीम का बाजार लोग अपने अपने अंदाज में बनाते रहते हैं ।
अन्यथा भारत के आध्यात्मिक विरासत की परंपरा के वाहक जगतगुरु स्वरूपानंद जी सरस्वती की इस झूठी बात पर हम यकीन क्यों न करें या यकीन न करने का कोई कारण समझ में नहीं आता की
जगद्गुरु ने स्वयं को मंदिर विरोधी कहे जाने पर उन्होंने कहा कि वह सिर्फ वेदों के अनुसार काम करने की बात कह रहे थे. शंकराचार्य ने सफाई देते हुए कहा, “मुझे मंदिर विरोधी क्यों कहा जा रहा है? मैंने तो सिर्फ ये कहा कि हिंदू धर्म वेदों से चलता है. वेदों में कहा गया है कि भूमि पूजन का मुहूर्त शुभ होना चाहिये. इन दिनों देव शयन पर हैं. कुछ शुभ कार्य नहीं किया जाता. ये काम दो महीने बाद भी हो सकता था जब देव उठनी ग्यारस हो जाती.”
शंकराचार्य ने इसमें राजनीति किए जाने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, “ये तो सब जान रहे हैं कि मंदिर का ये भूमि पूजन खास राजनीतिक मकसद के तहत हो रहा है. कोई बोल नहीं रहा, मैं तो बोलुंगा क्योंकि मुझे हिंदू धर्म का ज्ञान है और धर्म में क्या गलत, क्या सही है ये कहने को ही मुझे इस परम पद पद बैठाया गया है.”
आज अयोध्या में जहां सैकड़ों मंदिर अपनी सुंदरता के लिए तरस रहे हैं वही सेवेन स्टार मंदिर का निर्माण का पूजन कार्यक्रम हुआ और
इस कार्यक्रम में पधारे आर एस एस प्रमुख मोहन भागवत ने स्पष्ट भी किया कि "यह मंदिर भारत के अन्य लाखों मंदिर की तरह नहीं है" इस हालत में बाजारियों का मनोबल भी बढ़ा हो।
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