शिवराज का नया
मंत्रिमंडल
4 दिन की चांदनी.......
28 मंत्री ले सकते हैं शपथ
वयोवृद्ध बिसाहूलाल के विश्वासघात से जन्मी 50 करोड़ की चर्चित संख्या ... कोरोना के अकाल में मतदाताओं को जगाई आशा....
बागी के विरुद्ध खाली सड़क में
रमेश की निगाहें....
(सुशील शर्मा )
अदृश्य कोरोनावायरस का कोहराम भोपाल की फिजा में उसी तरह शामिल हो गई है जैसे मध्यप्रदेश की राजनीति में सत्ताधारी शिवराज मंत्रिमंडल के संभावित आगामी सप्ताह होने वाले विस्तार की तैयारी अंतिम दौर में है। भोपाली खबरिया सूत्रों के सटोरियों के अनुसार इस जम्बो केबिनेट में मुख्यमंत्री सहित 34 नंबर मंत्री होंगे. जिनमे से 28 लोगो को शपथ हेतु बुलाया जाएगा.
रस्साकसी के दौर में कई दिग्गज भूपेंद्र सिंह, राजेन्द्र शुक्ला जैसे सीएम के चहेते अब सरकार की जगह संगठन में काम करेगे. वही विश्वास सारंग, रामपाल सिंह व सीधी से चुनाव जीत कर आये शरदेंदु तिवारी शिवराज की पसंद है . ओमप्रकाश सखलेचा और चेतन कश्यप में से एक को ही मंत्री पद व सीताशरण शर्मा को विश्राम देकर विधानसभा अध्यक्ष के पद पर अन्य वरिष्ठ चेहरे को मौका दिया जाएगा। प्राथमिक तौर में जिनके बारे में धारणा बन रही है उसमें,
1.गोपाल भार्गव,2.जगदीश देवड़ा,3.राज्यवर्धन सिंह,4.महेंद्र सिंह सिसोदिया5.प्रद्युम्न सिंह तोमर,6.अरविंद भदौरिया,7.बृजेन्द्र प्रताप सिंह8.उषा ठाकुर,9.गिरीश गौतम,10.शरदेंदु तिवारी/ केदार शुक्ला11.बिसाहुलाल सिंह,
12.ओम सखलेचा/ चेतन कश्यप13.प्रेमशंकर वर्मा/ जालम सिंह पटेल14.प्रेम सिंह पटेल,15.रमेश मेंदोला16. रामखेलवन पटेल17.यशोधरा राजे सिंधिया18. एंदल सिंह कंसाना19. हरदीप डंग20.इमरती देवी21.प्रभुराम चौधरी22. हरिशंकर खटीक/ प्रदीप लारिया23. अनिल जैन निमाड़ी
24. मोहन यादव25. विश्वास सारंग/ रामपाल सिंह26. रणवीर जाटव27. दिनेश राय मुनमुन28. करण सिंह वर्माविधान सभा अध्यक्ष नागेन्द्र सिंह नागौद
उपाध्यक्ष प्रदीप लारिया/पंचूलाल प्रजापति प्रमुख तौर पर गिने जाते हैं।
दरअसल कोरोनावायरस के कारण करोड़ों श्रमिकों के पलायन से जो दर्द का कोहराम फैला हुआ है उसको लेकर भाजपा में बड़ा असमंजस है। तो दूसरी ओर कमलनाथ ने तो दावा ही कर दिया है कि भाजपा तो गई... । ऐसे हालात में जितनी भी दिन बचे हैं मंत्री-सुख पाने के लिए 4 दिन की ही सही चांदनी के सिंहासन में बैठने का सुख उन महत्वपूर्ण नेताओं के लिए आनंद दायक होगा जिन्होंने पूरी जीवन कांग्रेस को समर्पित किया और बुढ़ापे में भाजपा के साथ हो लिए।
इसमें शहडोल संभाग के नेता बिसाहू लाल सिंह का नाम सर्वाधिक चर्चा में है बिसाहूलाल सिंह संयुक्त शहडोल जिला के कांग्रेस अध्यक्ष थे तब वे दलवीर सिंह की आदिवासी राजनीति के दूरदर्शी खोज थे। किंतु दिग्गी राजा ने पूरी दूरदर्शिता को धराशाई कर दिया था। अब स्वयं बिसाहू लाल कांग्रेस की वर्षों की विरासत को कमलनाथ से धकिया कर
शिवराज के सोने के कमल पर ज्यादा यकीन किया। और कांग्रेस को अलविदा कह दिया।
किंतु अनूपपुर क्षेत्र का मतदाता बिसाहू लाल के इस विश्वासघात को पचा नहीं पा रहा है। वह तो बस उस 50 करोड़ की चर्चित रकम का हिसाब लेने पर मन बना लिया जोकि कभी गाजियाबाद तो कभी बेंगलुरु की हवाई यात्रा में कोरोनावायरस को धता बताते हुए हवा-हवाई बने रहे..।
देखना होगा कमलनाथ कि कांग्रेस या शिवराज का कमल कौन बिसाहूलाल के आंखों का सहारा बनता है.....?
4 दिन की चांदनी का सुख मंत्रिमंडल में भोगने के बाद सभी बागी बने मंत्रियों के साथ शीघ्र स्वयं को अपने अपने मतदाताओं की अग्नि परीक्षा भी देना होगा। बहराल मंत्रिमंडल का जो होगा, सो होगा उप चुनाव की तैयारी में अनूपपुर विधानसभा क्षेत्र में बागी वयोवृद्ध बिसाहू लाल के विश्वासघात से खाली हुए
विधानसभा क्षेत्र में रमेश सिंह अब आम मतदाताओं की निगाहों में चर्चा के केंद्र बने हुए हैं। देखना होगा कि एक पढ़ा लिखा अनुभवी कामकाजी व्यक्ति कितनी सफलता से स्वयं को सिद्ध करता है ।
मंत्रिमंडल
4 दिन की चांदनी.......
28 मंत्री ले सकते हैं शपथ
वयोवृद्ध बिसाहूलाल के विश्वासघात से जन्मी 50 करोड़ की चर्चित संख्या ... कोरोना के अकाल में मतदाताओं को जगाई आशा....
बागी के विरुद्ध खाली सड़क में
रमेश की निगाहें....
(सुशील शर्मा )
अदृश्य कोरोनावायरस का कोहराम भोपाल की फिजा में उसी तरह शामिल हो गई है जैसे मध्यप्रदेश की राजनीति में सत्ताधारी शिवराज मंत्रिमंडल के संभावित आगामी सप्ताह होने वाले विस्तार की तैयारी अंतिम दौर में है। भोपाली खबरिया सूत्रों के सटोरियों के अनुसार इस जम्बो केबिनेट में मुख्यमंत्री सहित 34 नंबर मंत्री होंगे. जिनमे से 28 लोगो को शपथ हेतु बुलाया जाएगा.
रस्साकसी के दौर में कई दिग्गज भूपेंद्र सिंह, राजेन्द्र शुक्ला जैसे सीएम के चहेते अब सरकार की जगह संगठन में काम करेगे. वही विश्वास सारंग, रामपाल सिंह व सीधी से चुनाव जीत कर आये शरदेंदु तिवारी शिवराज की पसंद है . ओमप्रकाश सखलेचा और चेतन कश्यप में से एक को ही मंत्री पद व सीताशरण शर्मा को विश्राम देकर विधानसभा अध्यक्ष के पद पर अन्य वरिष्ठ चेहरे को मौका दिया जाएगा। प्राथमिक तौर में जिनके बारे में धारणा बन रही है उसमें,
1.गोपाल भार्गव,2.जगदीश देवड़ा,3.राज्यवर्धन सिंह,4.महेंद्र सिंह सिसोदिया5.प्रद्युम्न सिंह तोमर,6.अरविंद भदौरिया,7.बृजेन्द्र प्रताप सिंह8.उषा ठाकुर,9.गिरीश गौतम,10.शरदेंदु तिवारी/ केदार शुक्ला11.बिसाहुलाल सिंह,
12.ओम सखलेचा/ चेतन कश्यप13.प्रेमशंकर वर्मा/ जालम सिंह पटेल14.प्रेम सिंह पटेल,15.रमेश मेंदोला16. रामखेलवन पटेल17.यशोधरा राजे सिंधिया18. एंदल सिंह कंसाना19. हरदीप डंग20.इमरती देवी21.प्रभुराम चौधरी22. हरिशंकर खटीक/ प्रदीप लारिया23. अनिल जैन निमाड़ी
24. मोहन यादव25. विश्वास सारंग/ रामपाल सिंह26. रणवीर जाटव27. दिनेश राय मुनमुन28. करण सिंह वर्माविधान सभा अध्यक्ष नागेन्द्र सिंह नागौद
उपाध्यक्ष प्रदीप लारिया/पंचूलाल प्रजापति प्रमुख तौर पर गिने जाते हैं।
दरअसल कोरोनावायरस के कारण करोड़ों श्रमिकों के पलायन से जो दर्द का कोहराम फैला हुआ है उसको लेकर भाजपा में बड़ा असमंजस है। तो दूसरी ओर कमलनाथ ने तो दावा ही कर दिया है कि भाजपा तो गई... । ऐसे हालात में जितनी भी दिन बचे हैं मंत्री-सुख पाने के लिए 4 दिन की ही सही चांदनी के सिंहासन में बैठने का सुख उन महत्वपूर्ण नेताओं के लिए आनंद दायक होगा जिन्होंने पूरी जीवन कांग्रेस को समर्पित किया और बुढ़ापे में भाजपा के साथ हो लिए।
इसमें शहडोल संभाग के नेता बिसाहू लाल सिंह का नाम सर्वाधिक चर्चा में है बिसाहूलाल सिंह संयुक्त शहडोल जिला के कांग्रेस अध्यक्ष थे तब वे दलवीर सिंह की आदिवासी राजनीति के दूरदर्शी खोज थे। किंतु दिग्गी राजा ने पूरी दूरदर्शिता को धराशाई कर दिया था। अब स्वयं बिसाहू लाल कांग्रेस की वर्षों की विरासत को कमलनाथ से धकिया कर
शिवराज के सोने के कमल पर ज्यादा यकीन किया। और कांग्रेस को अलविदा कह दिया।
किंतु अनूपपुर क्षेत्र का मतदाता बिसाहू लाल के इस विश्वासघात को पचा नहीं पा रहा है। वह तो बस उस 50 करोड़ की चर्चित रकम का हिसाब लेने पर मन बना लिया जोकि कभी गाजियाबाद तो कभी बेंगलुरु की हवाई यात्रा में कोरोनावायरस को धता बताते हुए हवा-हवाई बने रहे..।
देखना होगा कमलनाथ कि कांग्रेस या शिवराज का कमल कौन बिसाहूलाल के आंखों का सहारा बनता है.....?
4 दिन की चांदनी का सुख मंत्रिमंडल में भोगने के बाद सभी बागी बने मंत्रियों के साथ शीघ्र स्वयं को अपने अपने मतदाताओं की अग्नि परीक्षा भी देना होगा। बहराल मंत्रिमंडल का जो होगा, सो होगा उप चुनाव की तैयारी में अनूपपुर विधानसभा क्षेत्र में बागी वयोवृद्ध बिसाहू लाल के विश्वासघात से खाली हुए
विधानसभा क्षेत्र में रमेश सिंह अब आम मतदाताओं की निगाहों में चर्चा के केंद्र बने हुए हैं। देखना होगा कि एक पढ़ा लिखा अनुभवी कामकाजी व्यक्ति कितनी सफलता से स्वयं को सिद्ध करता है ।
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