सोमवार, 30 मार्च 2020

डरना भी जरूरी है.....( त्रिलोकी नाथ)




लोकतंत्र, को रोना और पत्रकारिता 3

डरना भी जरूरी है......

     (  त्रिलोकीनाथ  )
 ब एनडीटीवी ग्रुप पर मदमस्त सत्ता छाती पर छापा डाल रही थी तब उसकी शुरुआत की प्रक्रिया में पहली प्रतिक्रिया सुब्रमण्यम स्वामी की आई थी उन्होंने कहा था डर कर भी रहना सीखना चाहिए लोकतंत्र का यह करिश्मा है कि डर से विजय पाकर एनडीटीवी मैग्सेसे अवार्ड तक जा धमका और डरना नहीं सीखा यह हमारी आजादी का प्रमाण पत्र है किंतु अब जो छुपा रुस्तम हमें डरा रहा है वह राजा और महाराजाओं और साम्राज्य की सीमाओं से पार है तथाकथित तौर पर यह मनुष्य की क्रूरता का बनाया गया एक जैविक हथियार है हालत इसे भी स्वीकृति नहीं मिली है इस रूप में विवाद भी हैं को बावजूद इसके इसका असर जबरदस्त है
    कहते हैं पूरी दुनिया में इनके साम्राज्य में कभी सूरज नहीं डूबता था, यह कहावत है। क्योंकि ब्रिटिश हुकूमत की महारानी एलिजाबेथ के साम्राज्य में जब सूरज इनके एक साम्राज्य में डूबता था तब दूसरे साम्राज्य में वह चमकता था और तीसरे साम्राज्य में उगता था। ऐसे महारानी के पुत्र प्रिंस चार्ल्स की सुरक्षा कितनी कड़क होगी यह अनुमान लगाना सहज है। बावजूद इसके छुपा रुस्तम कोरोना याने कोविड-19 से वे प्रताड़ित हो गए। सबको याद होगा कि कैसे अपने उस क्लिप के लिए भी चर्चित हुए थे जब किसी कार से उतरते वक्त हाथ बढ़ाने का कोशिश करने के बाद उन्हें याद आया की महामारी फैली है और उन्होंने भारतीय परंपरा के अनुसार हाथ जोड़कर उपस्थित लोगों का अभिवादन किया इतनी सतर्कता के बाद भी प्रिंस चार्ल्स को महामारी पकड़ ली। यह एक अलग बात है कि उन्होंने स्वयं को आइसोलेशन में रखा और वे स्वस्थ होकर निकल आए हैं।
 इसी ब्रिटिश गवर्नमेंट में  महारानी एलिजाबेथ के साम्राज्य के प्रधानमंत्री कोविड-19 से संक्रमित हैं
ब्रिटेन, ब्रिटेन में प्रिंस चार्ल्स के बाद अब प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन और स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री मैट हैनकॉक भी कोरोना से संक्रमित पाए गए हैं। समाचार एजेंसी एएनआइ ने यह जानकारी दी है। जानसन ने खुद इसकी जानकारी देते हुए कहा कि हल्के लक्षणों के बाद उनका कोरोना वायरस टेस्ट पाजिटिव आया है और अब उन्होंने डॉक्टरों की सलाह के मुताबिक मैंने 10 डाउनिंग स्ट्रीट में खुद को आइसोलेट कर लिया है। सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए एक वीडियो संदेश में ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने कहा है कि कोरोना के खिलाफ सरकार की लड़ाई में वह वीडियो कॉन्‍फ्रेंसिंग के जरिए ब्रिटिश सरकार का नेतृत्व करते रहेंगे। मालूम हो कि ब्रिटेन में कोरोना वायरस से 578 लोगों की मौत हो चुकी है। 

     तो इतना भय और डिप्रेशन जर्मनी के एक प्रांत के मंत्री को हुआ इस महामारी को लेकर कि वह आत्महत्या ही कर लिया



कोरोना वायरस के कहर से यूरोप में त्राहि मची है. कोविड 19 की वजह से ना सिर्फ बड़ी संख्या में लोग मारे जा रहे हैं, बल्कि इस खतरनाक बीमारी के कारण लोग डिप्रेशन के शिकार भी हो रहे हैं. अर्थव्यवस्था की बिगड़ती हालत के बीच जर्मनी के एक मंत्री ने कोरोना वायरस की वजह से खुदकुशी कर ली है.
 जर्मनी में अब तक 62,435 लोग कोविड 19 से संक्रमित हैं जबकि 541 लोगों की मृत्यु हो चुकी है.


और स्पेन की राजकुमारी की मृत्यु का कारण भी यही कोविड-19 महामारी बनी।

कोरोना वायरस से स्पेन की राजकुमारी की मौत, पेरिस में ली आखिरी सांस


नई दिल्ली, 29 March, 2020

पूरी दुनिया में किसी रॉयल फैमिली से यह पहली मौत है. देश-दुनिया के कई लोग इस बीमारी की चपेट में आए हैं लेकिन मौत के मामले में स्पेन से यह बड़ी खबर सामने आई है. बता दें, यूरोपीय देशों में इटली के बाद स्पेन ही कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित है.

     
           क्या आप इसके बावजूद भी नहीं समझ पा रहे हैं कि यह महामारी कितनी खतरनाक है...? यह जब अमीरों को राजाओं महाराजाओं को मार सकती है, तो उत्तरप्रदेश के सरकार ने तो सिद्ध कर दिया है मजदूरों की भीड़ पर कीटनाशक दवाई का प्रयोग करके कि वे कीड़े मकोड़े से ज्यादा कुछ भी नहीं है। महामारी अगर प्रवेश की तो हम कीड़े-मकोड़े की तरह ही मर जाएंगे ।
      हमें इस महामारी से सतर्क रहना चाहिए और हम ही से जीत सकते हैं क्योंकि छोटा सा इलाज कि आप किसी को छुए ना...
     हो सकता है इसे छुआछूत की भाषा में न देखा जा रहा हो, किंतु आमतौर पर यह बीमारी छुआछूत की ही बीमारी है.... इसलिए जरा बचके... इस महामारी से जीतना है....
    इस बीमारी से शासन और प्रशासन जो मदद कर रहा है वह तो करेगा उसका कर्तव्य है किंतु उसकी अपनी सीमाएं हैं और लोकतंत्र में राजा तो जनता होती है और यह तय हो चुका है कि राजा और रानी मर रहे हैं तो मजदूर भी मर रहे हैं...
         तो अपनी सुरक्षा अपने घर की सुरक्षा लोगों के बीच में पर्याप्त सतर्कता और बीमारी हो जाती है तो घबराने की जरूरत नहीं है... इलाज भी है आत्मविश्वास.... और डॉक्टर की सलाह ..कई लोग ठीक हुए हैं..., गारंटी।
 आप भी ठीक होंगे..... किंतु ठीक होना है इसलिए बीमारी को निमंत्रण दे, यह तो सरासर मूर्खता है....  और बिना छुए, कुछ दिन अपने लोगों के साथ, अपनी मस्ती में ,आनंद में रहिए और शासन को भी आनंद दीजिए। यही हमारा कर्तव्य है, यही राष्ट्रभक्ति भी.... उन सब का सम्मान कीजिए जो हमारी सुरक्षा कर रहे हैं ।  तो कुछ करके और कुछ डर के दूर-दूर से बीमारी को दूर करिए।









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